Apple का हर नया iPhone लॉन्च अपने साथ ढेरों चर्चाएं और उम्मीदें लेकर आता है. इस बार भी iPhone 17 Pro को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जिस फीचर पर थी, वह था Reverse Wireless Charging. माना जा रहा था कि इस बार Apple अपने लोगो को सेंटर में शिफ्ट करके और बैटरी को बड़ा बनाकर इस फीचर को जरूर लाएगा. लेकिन जब Apple Event खत्म हुआ, तो इसमें इसका कोई जिक्र नहीं किया गया. ऐसे में कई लोग निराश हुए, लेकिन इसके पीछे एक ठोस कारण है.
MagSafe और Reverse Charging की तकनीकी मुश्किलें
Reverse wireless charging का कॉन्सेप्ट सुनने में जितना आसान लगता है, असल में इसे MagSafe के साथ जोड़ना काफी मुश्किल है. Apple ने iPhone 12 के साथ MagSafe Battery Pack लॉन्च किया था, जो मैग्नेटिक अलाइनमेंट की वजह से बिना रुकावट के पावर ट्रांसफर कर पाता है. लेकिन यही टेक्नोलॉजी AirPods या दूसरे iPhones जैसे डिवाइस के लिए सही तरीके से काम नहीं कर सकती.
MagSafe के मैग्नेट एक तरफ डिवाइस को मजबूती से लॉक करते हैं, लेकिन यही स्ट्रॉन्ग मैग्नेट रिवर्स चार्जिंग में इंटरफेरेंस भी पैदा करते हैं. इसका नतीजा होगा धीमा चार्जिंग स्पीड, पावर की बर्बादी और यूजर्स के लिए खराब अनुभव — जो Apple की पॉलिसी के खिलाफ है.
Google का Example और Qi2 Standard
Apple का यह फैसला Google के नए कदम से भी मेल खाता है. हाल ही में Pixel 10 सीरीज ने Qi2 स्टैंडर्ड को अपनाया है, जो MagSafe जैसा ही काम करता है. लेकिन इसके साथ ही Google को भी Reverse Wireless Charging फीचर को हटाना पड़ा, जो पहले कई Pixel फोन्स में मौजूद था. इससे साफ है कि इस समय मैग्नेटिक अलाइनमेंट और रिवर्स चार्जिंग दोनों को साथ लाना टेक्निकल तौर पर बहुत मुश्किल है.
क्यों यूजर्स के लिए कम फ़ायदेमंद है यह फीचर
थ्योरी में यह फीचर काफी आकर्षक लगता है- जैसे AirPods को जल्दी से चार्ज कर पाना या किसी और फोन को बैकअप देना. लेकिन असल में डिवाइस को बिल्कुल सही अलाइन करना, स्लो ट्रांसफर रेट को झेलना और लगातार बैटरी लॉस होना इसे कम यूजफुल बना देता है. Apple का हमेशा से फोकस रहा है seamless experience, और जब तक यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह स्मूद नहीं हो जाती, कंपनी इसे अपने iPhones में नहीं लाएगी.