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Pitru Paksh 2025: पितृ पक्ष का समय हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये समय पूरी तरह से पितरों को समर्पित होता है। पितृ पक्ष के समय पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जैसी क्रियाएं की जाती है। इस साल पितृ पक्ष की शुरूआत आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि यानि 7 सिंतबर को हो चुकी है और सर्व पितृ अमावस्या 21 सिंतबर को समाप्त होगी।
श्राद्ध के 5 जरूरी नियम (Pitru Paksh 2025 Shradh Important Rules)
- पितरों का श्राद्ध हमेशा अपराह्न के समय करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दोपहर के समय स्वामी पितृ देव माने जाते हैं. इस वजह से श्राद्ध कार्यक्रम हमेशा दोपहर के समय ही करने चाहिए।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों का श्राद्ध करते समय अपना मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर ही रखें और इसी दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। इसका कारण यह है कि इस दिशा को पितृलोक की दिशा माना जाता है।
- पितृ पक्ष से जुड़े काम सूर्यास्त के समय नहीं करने चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से आपको श्राद्ध करने का फल नहीं मिलता है। है कि इस दौरान किए श्राद्ध का फल नहीं मिलता है।
- इस बात का भी ध्यान रखें की श्राद्ध हमेशा अपनी जमीन या अपने स्थान पर ही करें। दूसरों के घर जमीन पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए। यदि स्वयं की भूमि पर श्राद्ध करना संभव न हो तो आप किसी तीर्थ स्थल, पवित्र नदी के पास, देवालय आदि में जाकर भी श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।
- श्राद्ध के भोजन के लिए ब्राह्मणों को श्रद्धा और आमंत्रित करें. आप कम से कम तीन ब्राह्मण को जरूर बुलाएं और सात्विक रूप से ब्राह्मणों के लिए भोजन तैयार करें।