Home > हेल्थ > हर छह में से एक पुरुष नहीं बन पा रहा बाप, ये आदतें हैं जिम्मेदार! कहीं आप भी तो नहीं कर रहें हैं ये गलतियां

हर छह में से एक पुरुष नहीं बन पा रहा बाप, ये आदतें हैं जिम्मेदार! कहीं आप भी तो नहीं कर रहें हैं ये गलतियां

आज के भाग- दौड़ भरी लाइफस्टाइल के वजह से लोगों में बहुत सारी समस्याएं देखने को मिल रहीं है,जिनमें से पुरुषों के बांझपन कि समस्या प्रमुख है, आइए जानतें हैं इसके बारे में

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: September 8, 2025 2:13:00 PM IST



हर कोई यह चाहता है कि उसका भी परिवार हो और बच्चें हो लेकिन आज के समय में बच्चे पैदा करना हर आसान नहीं है, WHO की और मेडिकल स्टडीज के एक अध्ययन के अनुसार दुनियाभर के लगभग हर 6 में से 1 पुरुष (1 in 6 men) को बांझपन (Infertility) की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, अक्सर लोग मानतें हैं कि बांझपन (Infertility) केवल महिलाओं से जुड़ी समस्या है लेकिन इस रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है।

WHO और मेडिकल जर्नल्स के रिसर्च अनुसार

WHO और कई सारी अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल्स के अनुसार, बांझपन (infertility) अब सिर्फ महिलाओं तक ही नहीं रह बल्कि लगभग 40से 50 प्रतिशत मामलों में पुरुषों के बांझपन के वजह से गर्भधारण नहीं हो पाता. इसके पीछे हमारी लाइफस्टाइल , शराब-सिगरेट का सेवन जैसी आदतें सामने आ रहीं हैं।

क्यों होती है पुरुषों में Infertility की समस्या

  • पुरुषों में Infertility की समस्या के कुछ मुख्य कारण हो सकतें हैं,आइए जानतें हैं इनके बारे में
  • धूम्रपान और शराब का ज्यदा सेवन करने के वजह से स्पर्म की क्वालिटी और स्पर्म का काउंट दोनों कम हो जातें हैं.
  • अक्सर विटामिन D व जिंक की कमी से भी स्पर्म पर असर पड़ता है.
  • लगातार तनाव और नींद की कमी के वजह से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे fertility कम हो जाती है.
  • ओवरवेट के वजह से भी स्पर्म की क्वालिटी पर असर पड़ता है ,मोटापा हमारे टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम कर देता है.

समय पर कराएं फर्टिलिटी टेस्ट?

डॉक्टरों के अनुसार, अगर 1 साल तक कोशिश के बाद भी प्रेग्नेंसी में सफलता नहीं मिल रही है, तो पुरुष महिला और पुरुष दोनों को अपना फर्टिलिटी टेस्ट जरूर से कराना चाहिए. इससे जल्दी समस्या का पता चल जाता है और एडवांस तकनीकों के जरिए इलाज की संभावना बढ़ जाती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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