Deep Space Exploration: लगभग 5.1 करोड़ लाइट ईयर दूर अंतरिक्ष में NGC 7456 नामक एक गैलेक्सी है। नग्न आँख से यह धुंधली अंडाकार आकृति जैसी दिखती है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह गैलेक्सी तारों के जन्म और विकास के एक बड़े लक्ष्य से कम नहीं है।
ग्रस यानी क्रेन नक्षत्र (Crane Constellation) में NGC 7456 को देखा जा सकता है। इसके बीच में एक चमकीली पट्टी है, जो कि हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) से ली गई तस्वीरों में दिखाई देती है, और यह बताती है कि यहाँ तारों का निर्माण कैसे हुआ। इसके आउटर एरिया में ढीली स्पाइरल आर्म्स हैं, जहाँ तारे और धूल बेहतरीन तरीके से फैले हुए हैं।
क्या है नासा का नया प्रोग्राम?
हाल ही में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने एक नया प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें इस गैलेक्सी की गैस और धूल पर रिसर्च की जा रही है। वैज्ञानिकों को ऐसी तस्वीरें भी मिली हैं जहाँ नए तारों की रचना हो रही है। यहां हाइड्रोजन गैस के ठंडे और घने बादल भी देखे गए हैं, जो आपस में मिलकर तारों का निर्माण कर रहे हैं।
हबल के अलावा, यूरोप स्पेस एजेंसी (ESA) के XMM-न्यूटन उपग्रह ने भी इस गैलेक्सी का अवलोकन किया है। इसने कई अत्यंत चमकीले एक्स-रे स्रोतों (ULX) की खोज की है। ये छोटे लेकिन अत्यंत सघन पिंड हैं, जो अपनी क्षमता से कहीं अधिक एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं।
वैज्ञानिकों का प्रयास
वैज्ञानिक अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इनकी शक्ति का राज क्या है। इसके साथ ही, गैलेक्सी के केंद्र में स्थित विशाल ब्लैक होल के आसपास का क्षेत्र भी असाधारण तरीके से चमकीला और सक्रिय है।
NGC 7456 को विज़िबल लाइट या एक्स-रे में देखने पर, यह गैलेक्सी हर तरफ से अनोखी दिखती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह गैलेक्सी अपनी रहस्यमयी विशेषताओं से रिसर्चर्स को आकर्षित करती रहेगी।
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