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बुढ़ापे तक भी सक्सेस के लिए तरसा इस सुपरस्टार का बेटा, चार फ्लॉप फिल्मों तक ही सिमट गया करियर

80 का दशक था जब सुनील दत्त,संजय दत्त और धर्मेंद्र सनी, देओल को लॉन्च कर रहे थे। ठीक इसी समय देव आनंद ने भी 1984 में बेटे सुनील आनंद को फिल्म ‘आनंद और आनंद’ से इंट्रोड्यूस किया।

By: Kavita Rajput | Published: September 4, 2025 8:31:19 PM IST



Dev Anand Flop Son Suneil Anand facts: बॉलीवुड में कई सुपरस्टार्स के बच्चे कमाल नहीं दिखा पाए। अब देव आनंद को ही ले लीजिए। वे अपने समय के लीजेंडरी स्टार्स में से एक थे। उनका नाम ही फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर हिट होने की गारंटी हुआ करता था। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं जिनमें गाइड, ज्वेल थीफ, हरे रामा हरे कृष्णा और जॉनी मेरा नाम नाम शामिल हैं। देव आनंद सिर्फ बेहतरीन एक्टर ही नहीं बल्कि स्क्रिप्ट राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे। 70 के दशक में उन्होंने ऐसे कॉन्सेप्ट्स पर फिल्में बनाईं जो अपने समय से बहुत आगे थीं। 

हालांकि, देव आनंद के बेटे सुनील आनंद 69 की उम्र तक भी वह मुकाम कभी हासिल नहीं कर पाए जो उनके पिता ने हासिल किया था। आज के इस आर्टिकल में हम आपको देव आनंद के बेटे सुनील आनंद के बारे में बताएंगे कि कैसे एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों ने उनके करियर को शुरू होते ही खत्म कर दिया था। 

डेब्यू फिल्म ही हुई फ्लॉप 

80 का दशक था जब सुनील दत्त,संजय दत्त और धर्मेंद्र सनी, देओल को लॉन्च कर रहे थे। ठीक इसी समय देव आनंद ने भी 1984 में बेटे सुनील आनंद को फिल्म ‘आनंद और आनंद’ से इंट्रोड्यूस किया। इस फिल्म में राखी और स्मिता पाटिल भी थीं। लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। आपको बता दें कि इस फिल्म नें सुनील लीड रोल में नहीं थे बल्कि उन्हें सपोर्टिंग रोल दिया गया था। 

दूसरी और तीसरी फिल्म भी हुई फ्लॉप 

पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद सुनील आनंद ने ‘कार थीफ’ में लीड रोल किया, मगर यह भी नहीं चली। फिल्म में सुनील के अपोजिट एक्ट्रेस विजयता पंडित थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद सुनील ने अपने चाचा विजय आनंद की फिल्म ‘मैं तेरे लिए’ में काम किया। हालांकि, किस्मत ने यहां भी उनका साथ नहीं दिया और ये फिल्म भी बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई। 

चार फिल्म में सिमट गया एक्टिंग करियर

एक के बाद एक फिल्में फ्लॉप होने के बाद सुनील आनंद ने लंबे समय के लिए एक्टिंग से दूरी बना ली। हालांकि, 2001 में उन्होंने ‘मास्टर’  नाम की मार्शल आर्ट्स पर बेस्ड एक फिल्म बनाई, जिसमें वे एक्टर और डायरेक्टर दोनों थे। लेकिन किस्मत यहां भी उनका साथ नहीं दे पाई। ये फिल्म भी बुरी तरह पिट गई।

एक्टिंग छोड़ बने प्रोड्यूसर  

इसके बाद सुनील ने एक्टिंग को छोड़ पिता देव आनंद की नवकेतन फिल्म्स की बागडोर संभाली। हालांकि, पिता की छोड़ी हुई विरासत को वह आज तक बड़े लेवल पर आगे नहीं बढ़ा पाए। कुल मिलाकर कहा जाए तो महज चार फिल्मों में ही सुनील आनंद का एक्टिंग करियर सिमटकर रह गया और वो गुमनाम रह गए।

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