Jagdeep Dhankhar: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवेदन किया है। पूर्व विधायक होने के नाते, उन्होंने अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पेंशन के लिए आवेदन भेजा। इसके पीछे वजह यह है कि वह 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे। ऐसे में विधायक होने के नाते अब उन्हें विधानसभा से पेंशन का अधिकार है।
क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
वह 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से विधायक रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने विधानसभा सचिवालय में पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिस पर मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राजस्थान में पूर्व विधायकों को 35,000 रुपये पेंशन मिलती है। 70 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व विधायकों को 20 प्रतिशत अधिक पेंशन मिलती है। 74 वर्ष के जगदीप धनखड़ को 42,000 रुपये पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही, बस यात्रा, इलाज और सरकारी गेस्ट हाउस में कम किराए पर रहने की सुविधा का लाभ भी उठा सकेंगे।
राजनितिक कार्यकाल
जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने से पहले राजस्थान की झुंझुनू सीट से 1989 से 1991 तक लोकसभा सांसद भी रहे। चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई। इसके बाद, धनखड़ ने 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की गद्दी संभाली। राजभवन में ममता बनर्जी सरकार के साथ के टकराव की खबरें अक्सर आती रहीं, जिसके चलते उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा। इसके बाद केंद्र में भारतीय जनता पार्टी ने धनखड़ को उपसभापति बनाया। वह 2022-25 तक इस पद पर रहे। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों को वजह बताते हुए 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद देश में राजनीति भी गरमा गई थी। इस्तीफा देने के बाद, उनका कोई बयान सामने नहीं आया और न वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम दिखे।
धनखड़ पर आलोचना
जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के दौरान इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राजनीति और गरमा गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस संबंध में केंद्र सरकार से सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि कुछ गड़बड़ है। उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है, वे खुद से ज़्यादा आरएसएस और बीजेपी का बचाव करते थे, उनके अपने लोग भी इतना नहीं करते होंगे। उनकी निष्ठा आरएसएस और बीजेपी के साथ थी, जिस तरह से उन्होंने इस्तीफा दिया है, उसके पीछे कौन है और वे कारण देश को बताए जाने चाहिए।”