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Kishore Kumar Birth Anniversary: ना सुरों की किताब पढ़ी, ना रियाज़ किया… फिर भी सबके दिलों पर राज किया- किशोर दा को सलाम

Kishore Kumar Birthday:मस्तमौला कहे जाने वाले सिंगर किशोर कुमार के फैंस आज उनका 96वां जन्म दिवस सेलिब्रेट कर रहे हैं। बंगाली परिवार में जन्मे किशोर दा का असली नाम कुछ और था लेकिन, इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया।

By: Shraddha Pandey | Published: August 4, 2025 2:51:32 PM IST



आज 4 अगस्त को संगीत की दुनिया के उस बेमिसाल सितारे की जयंती है, जिसे ना सिर्फ आवाज़ का जादूगर कहा गया, बल्कि जिसने बॉलीवुड में एक मल्टीटैलेंटेड की नई परिभाषा गढ़ी- किशोर कुमार। लेकिन सवाल ये है कि क्या आज का दौर किशोर को समझ पाता? क्या आज की तकनीकी और ट्यूनिंग वाली म्यूज़िक इंडस्ट्री में उनका वही जादू चल पाता?

आज किशोर कुमार का 96वां जन्म दिवस है। मस्तमौला कहे जाने वाले सिंगर किशोर की गृह नगरी खण्डवा थी। 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा से ताल्लुक रखने वाले सिंगर का जन्म बंगाली परिवार में हुआ था. इस बात से भी कम लोग वाकिफ होंगे कि उनका असली नाम किशोर नहीं बल्कि ‘आभास कुमार गांगुली’ था। इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। 

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किशोर सिर्फ गायक नहीं, एक एहसास थे

किशोर कुमार न केवल एक महान पार्श्वगायक थे, बल्कि वो एक शानदार अभिनेता, संगीतकार, निर्माता, निर्देशक और लेखक भी थे। उनका हर गाना सिर्फ सुर नहीं, जज़्बात होता था। “मेरे सपनों की रानी”, “पल-पल दिल के पास”, “कुछ तो लोग कहेंगे”- ये सिर्फ गाने नहीं हैं, ये उन पलों की आवाज है, जो आज भी किशोर दा के फैंस दिलों में बसती है।

क्या आज का म्यूजिक सिस्टम किशोर को स्वीकार करता?

आज का दौर ऑटो ट्यून, रील्स और वायरल बीट्स का है। गायक से ज़्यादा ज़रूरी बन गया है उसका इंस्टाग्राम प्रोफाइल। ऐसे दौर में एक ‘नखरीले’, ‘बिंदास’ और नियमों को तोड़ने वाले किशोर कुमार को शायद कोई म्यूजिक लेबल मौका न देता। किशोर ने कभी संगीत की तकनीकी पढ़ाई नहीं की, लेकिन दिल की गहराई से गाया – और यही उन्हें आज भी ज़िंदा रखे हुए है। वो अपनी मर्जी से रिकॉर्डिंग्स करते, अपनी शर्तों पर जीते। क्या आज का कॉर्पोरेट म्यूजिक जगत उन्हें झेल पाता?

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किशोर दा जो आज भी हर दिल में गूंजते हैं

उनकी खासियत थी- हर भाव को अपने सुरों में ढाल लेना। वो जितने सहज रोमांटिक गीतों में थे, उतने ही जीवंत मस्तीभरे गानों में भी।
उनकी आवाज़ आज भी नए-नए रिक्रिएशन में सुनाई देती है, लेकिन वो ‘फील’ अब शायद ही कोई दे पाता है। किशोर कुमार एक युग नहीं, एक सोच थे। ज़िंदा शब्द उनके लिए छोटा होगा, इसलिए वो आज भी लोगों के जहन में अमर हैं। हर उस मुस्कान में किशोर हैं, जिससे उनके गानों से चेहरे पर आती है। उनकी जयंती सिर्फ उन्हें याद करने का दिन नहीं, बल्कि उन्हें महसूस करने का एक मौका है। बिना ट्यूनिंग, बिना रीमिक्स… उनके फैंस सिर्फ दिल से आज के दिन उनके गानों को महसूस करें।

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