Tariff Affecting Indian Business: अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले का कई भारतीय उद्योगों पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। गुजरात के मोरबी में बनने वाली टाइलों को भी टैरिफ से बड़ा झटका लग सकता है। ये टाइलें दुनिया भर में भेजी जाती हैं। औसतन हर महीने इनके 1400-1500 कंटेनर अमेरिका भेजे जाते हैं। मोरबी से 12 महीनों में 1500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की टाइलें निर्यात की जाती हैं, हालाँकि, टैरिफ लगने के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है।
सिरेमिक उद्योग पर टैरिफ का असर
देखा जाए तो आज के समय में अमेरिका जाने वाले सामान पर 12 प्रतिशत शुल्क लगता है, जिसमें से 9 प्रतिशत आयात शुल्क और 3 प्रतिशत एंटी-डंपिंग शुल्क होता है। वहीं,बीते 3 महीनों से 10 % टैरिफ के साथ 22 परसेंट टैक्स भी लग रहा है। ऐसे में, 25 प्रतिशत की नई दर लागू होने पर सिरेमिक व्यापारियों को 15 प्रतिशत एक्स्ट्रा कर देना होगा, जिससे अमेरिका को कुल 37 प्रतिशत कर देना होगा। इतना ही नहीं, अमेरिका में कारोबार करने वाले सिरेमिक उद्योगपतियों का कहना है कि नई टैरिफ दरें लागू होने की घोषणा के साथ ही उनके अमेरिकी ग्राहकों और आयातकों ने अपने ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। साथ ही, कई कंटेनरों की शिपमेंट भी रोक दी गई है।
क्या ये देश भारत का कारोबार छीन लेंगे?
ट्रंप के टैरिफ का एक और नुकसान यह होगा कि सिरेमिक टाइल्स बनाने वाले देशों में तुर्की में 10 प्रतिशत, इटली और स्पेन में केवल 15 प्रतिशत और वियतनाम में 20 प्रतिशत की नई टैरिफ दरें लागू की गई हैं। ऐसे में, भारत से कम टैरिफ दरें होने के कारण, वहाँ के सिरेमिक उत्पाद सस्ते होंगे, जिसका सीधा असर मोरबी के सिरेमिक उद्योग पर पड़ेगा। टैरिफ के कारण, अमेरिका में मोरबी का सिरेमिक बाजार अब चौपट होता दिख रहा है।
सिरेमिक उत्पादों की माँग पर असर पड़ेगा
अमेरिका की नई टैरिफ दर को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है और इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। ऐसे में भारत में सिरेमिक उत्पादों के उत्पादकों पर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि भारत पर लगाए जा रहे नए टैरिफ दरों की तुलना में, सिरेमिक उत्पाद बनाने वाले अन्य देशों में लगाए जा रहे नए टैरिफ दरें कम हैं। इसका सीधा असर मोरबी के सिरेमिक उत्पादों की माँग पर पड़ने वाला है।
इस टैरिफ से कौन से भारतीय उद्योग प्रभावित होंगे?
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले का टाइल्स, सिरेमिक, फार्मा, कपड़ा और रत्न-आभूषण उद्योगों सहित कई भारतीय उद्योगों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।
मोरबी के टाइल्स उद्योग पर क्या असर पड़ेगा?
मोरबी से 1500 करोड़ रुपये से ज़्यादा मूल्य की टाइल्स का निर्यात होता है और टैरिफ लगने के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। मोरबी से औसतन हर महीने 1400-1500 कंटेनर टाइल्स अमेरिका भेजी जाती हैं।
अन्य देशों में टैरिफ दरें क्या हैं?
तुर्की में 10 प्रतिशत, इटली और स्पेन में 15 प्रतिशत और वियतनाम में 20 प्रतिशत की नई टैरिफ दरें लागू की गई हैं। इन देशों में टैरिफ दरें भारत की तुलना में कम हैं, जिससे उनके सिरेमिक उत्पाद सस्ते हो जाएँगे और मोरबी के सिरेमिक उद्योग पर असर पड़ेगा।
सिरेमिक उत्पादों की माँग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
सिरेमिक उत्पादों की माँग प्रभावित होगी क्योंकि अन्य देशों में लागू की जा रही नई टैरिफ दरें भारत में लागू की जा रही नई टैरिफ दरों से कम हैं। इससे मोरबी में सिरेमिक उत्पादों की माँग कम हो सकती है।