Home > विदेश > Thailand Military Tension: कंबोडिया के आगे घुटनों पर थाईलैंड! लड़ने के लिए आगे बढ़ा तो उड़ जाएंगे सैनिकों के परखच्चे… जंग की असली वजह से भी उठा पर्दा?

Thailand Military Tension: कंबोडिया के आगे घुटनों पर थाईलैंड! लड़ने के लिए आगे बढ़ा तो उड़ जाएंगे सैनिकों के परखच्चे… जंग की असली वजह से भी उठा पर्दा?

Thailand Military Tension: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद युद्ध के स्तर तक पहुँच गया है, दोनों तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं, इसी बीच खबर आई है कि थाईलैंड ने कंबोडिया पर क्लस्टर बम दागे हैं। हालाँकि, कंबोडिया के पास एक ऐसी ताकत है जिसके सामने थाईलैंड बेबस है। कंबोडिया की यह ताकत है बारूदी सुरंगें।

By: Deepak Vikal | Published: July 25, 2025 7:46:53 PM IST



Thailand Cambodia Border Conflict: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद युद्ध के स्तर तक पहुँच गया है, दोनों तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं, इसी बीच खबर आई है कि थाईलैंड ने कंबोडिया पर क्लस्टर बम दागे हैं। हालाँकि, कंबोडिया के पास एक ऐसी ताकत है जिसके सामने थाईलैंड बेबस है। कंबोडिया की यह ताकत है बारूदी सुरंगें। कहा जा रहा है कि शिव मंदिर तो बस एक बहाना है, इस बार भी बढ़े तनाव की वजह बारूदी सुरंगें ही हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया नई बारूदी सुरंगें बिछा रहा है, जबकि पहले से बनी सुरंगों को अभी तक नष्ट नहीं किया गया है।

थाईलैंड और कंबोडिया एक दूसरे के साथ 817 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, इस सीमा पर कई ऐसे बिंदु हैं जिन पर संप्रभुता को लेकर दोनों देशों के बीच पिछली एक सदी से विवाद चल रहा है। इन्हें लेकर दोनों देशों के बीच पहले भी कई झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें एक दर्जन से ज़्यादा सैनिक भी मारे गए हैं। 2011 में भी दोनों देशों ने कई दिनों तक एक-दूसरे पर तोपों से हमला किया था। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल मई में भी दोनों देशों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था।

क्या बारूदी सुरंगें ही युद्ध की असली वजह हैं?

tटीवी 9 की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच युद्ध की नई वजह बारूदी सुरंगों को बताया जा रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड ने इसी हफ्ते कंबोडिया पर विवादित इलाके में बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया था। इसमें तीन सैनिक घायल भी हुए थे। कंबोडिया ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। कंबोडिया ने अपनी सफाई में कहा है कि देश के सैनिक रास्ता भटक गए थे, इसीलिए उन्होंने गलती से एक बारूदी सुरंग को सक्रिय कर दिया। कोई नई बारूदी सुरंग नहीं बनाई गई थी।

बारूदी सुरंगों की संख्या लाखों में हो सकती है।

कंबोडियाई सीमा पर बनी ये बारूदी सुरंगें कई साल पहले गृहयुद्ध के दौरान बनाई गई थीं। जिस समूह को इन बारूदी सुरंगों को हटाने का काम सौंपा गया है, उसके मुताबिक इन सुरंगों की संख्या लाखों में हो सकती है। ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन खुद बारूदी सुरंगों की समस्या के समाधान के लिए कंबोडिया और अन्य देशों की मदद कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन इस क्षेत्र में शांति चाहता है। दोनों देशों के बीच झड़प के बाद, चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा कि पिछले साल चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय ने कंबोडिया और लाओस में बारूदी सुरंगों को हटाने का प्रशिक्षण दिया था।

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थाईलैंड के लिए बारूदी सुरंगें कैसे एक बड़ा खतरा हैं

कंबोडिया की सीमा पर बड़ी संख्या में बारूदी सुरंगें हैं। अगर दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ता है और थाई सेना कंबोडिया की सीमा में घुसने की कोशिश करती है, तो ये सुरंगें सैनिकों और वाहनों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। इससे थाई सेना की आवाजाही प्रभावित हो सकती है, उसे उन्हीं रास्तों पर चलना होगा जहाँ बारूदी सुरंगें न हों, ऐसे में वह कंबोडिया के सीधे निशाने पर होगी।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जा सकता मामला

हालाँकि, कंबोडिया की बारूदी सुरंगें थाईलैंड के लिए एक कूटनीतिक ताकत बन सकती हैं, ऐसा तभी हो सकता है जब इन सुरंगों से थाई नागरिक या सैनिक मारे जाएँ। दरअसल, कंबोडिया 2000 से ओटावा समझौते का हिस्सा रहा है, जो बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाता है। ऐसे में अगर कंबोडिया थाई सैनिकों के ख़िलाफ़ बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाब देना पड़ सकता है। थाईलैंड इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी ले जा सकता है।

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