Arun Sao on Bupesh baghel scam: हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफतारी के बाद से ही कांग्रेस ने हंगामा काटा हुआ है। गौरतलब है कि यह गिरफ्तारी बघेल परिवार के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी के बाद हुई। यह कार्रवाई चैतन्य के कथित 2,100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े नए सबूतों के आधार पर की गई।
कांग्रेस की आर्थिक नाकेबंदी
यह गिरफ्तारी चैतन्य के जन्मदिन पर हुई, जिस पर भूपेश बघेल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक निशाना साधने और जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस रायपुर में कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक हुई और आगे की रणनीति तय की गई। इसी के तहत मंगलवार को कांग्रेस ने पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी करने का ऐलान किया। कांग्रेस ने 33 जिलों में चक्काजाम करने का प्लान बनया था।
छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव की प्रतिक्रिया
इस पर छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ANI पर कहा , “कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नाकेबंदी पूरी तरह से विफल रही। राज्य की जनता, व्यापारिक संगठन, श्रमिक संगठन और सभी ने इसका विरोध किया। किसी ने भी आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन नहीं किया…”
ईडी द्वारा चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर, वे कहते हैं, “ईडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनी में 16.70 करोड़ रुपये का निवेश किया था और 1000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी में शामिल थे। भ्रष्टाचार के मामले में अडानी के पीछे छिपने की कोशिश न करें। उन्होंने बेटे की गिरफ्तारी के विरोध में यह आर्थिक नाकेबंदी की। ईडी ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।”
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
यह घोटाला 2019 से 2022 के दौरान, जब कांग्रेस सत्ता में थी, राज्य के खजाने के राजस्व को हड़पने की एक बड़ी साजिश से जुड़ा है। जांच से पता चला है कि आबकारी विभाग के भीतर एक सुव्यवस्थित नेटवर्क है, जिसमें राजनेता, नौकरशाह और निजी ठेकेदार शामिल हैं, जो अवैध लाभ कमाने के लिए भारतीय और विदेशी शराब की खरीद, वितरण और बिक्री में हेरफेर करते हैं।