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Bhopal Transgender News: सालों से अब्दुल ‘Neha’ बनकर रह रहा था भारत में , पासपोर्ट से लेकर आधार कार्ड सब बनाकर रखा… पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के फूले हाथ पैर

Bhopal Transgender News : अब्दुल को फर्जी पहचान पत्र हासिल करने में कथित तौर पर मदद करने वाले दो स्थानीय युवकों से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। जाँचकर्ताओं को संदेह है कि यह तो बस एक छोटा सा मामला हो सकता है, क्योंकि एक बड़ा नेटवर्क अवैध आव्रजन और दस्तावेजों की जालसाजी को बढ़ावा दे रहा है।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 19, 2025 10:10:26 PM IST



Bhopal Transgender News: एमपी से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यहां पर भोपाल पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल कलाम को हिरासत में लिया है, जो पिछले आठ सालों से शहर में नेहा नाम की एक ट्रांसजेंडर के झूठे नाम से रह रहा था।

कलाम, जो 10 साल की उम्र में भारत आया था और भोपाल के बुधवारा इलाके में बसने से पहले दो दशक तक मुंबई में रहा, ने कथित तौर पर एक ट्रांसजेंडर पहचान अपना ली और स्थानीय हिजड़ा समुदाय का एक सक्रिय सदस्य बन गया। उसने स्थानीय एजेंटों की मदद से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आधार कार्ड, राशन कार्ड और यहाँ तक कि पासपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए।

अब्दुल ने ‘नेहा’ नाम से बना रखा था भारतीय पासपोर्ट

पुलिस जाँच से पता चला है कि अब्दुल न केवल एक नकली पहचान के साथ रहता था, बल्कि एक जाली भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके विदेश भी जाता था। वह बुधवारा इलाके में कई बार घर बदल चुका था और सभी उसे “नेहा” के नाम से जानते थे। अब यह पता लगाने के लिए उसके लिंग का चिकित्सकीय सत्यापन किया जा रहा है कि क्या वह जैविक रूप से ट्रांसजेंडर है या उसने पहचान से बचने के लिए इस पहचान का इस्तेमाल किया था।

पुलिस हर एंगल से कर रही जांच

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कलाम महाराष्ट्र में ट्रांसजेंडर गतिविधियों में भी शामिल था, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या उसका भेष किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था। अधिकारी इस बात की जाँच कर रहे हैं कि क्या ट्रांसजेंडर समुदाय के अन्य सदस्य भी इस धोखाधड़ी में शामिल थे या अनजाने में उनकी मदद कर रहे थे।

अब्दुल को फर्जी पहचान पत्र हासिल करने में कथित तौर पर मदद करने वाले दो स्थानीय युवकों से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। जाँचकर्ताओं को संदेह है कि यह तो बस एक छोटा सा मामला हो सकता है, क्योंकि एक बड़ा नेटवर्क अवैध आव्रजन और दस्तावेजों की जालसाजी को बढ़ावा दे रहा है। अब्दुल के मोबाइल फोन की कॉल रिकॉर्डिंग और चैट की जाँच की जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता 

अब्दुल को विदेशी अधिनियम के तहत 30 दिनों के लिए हिरासत में लिया गया है। अतिरिक्त डीसीपी शालिनी दीक्षित ने कहा, “वह पिछले 8-10 सालों से भोपाल में रह रहा है। इससे पहले, वह महाराष्ट्र में था। हमें एक मुखबिर के ज़रिए सूचना मिली और हमने उसकी पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच वह बांग्लादेश भी गया है, और हम संबंधित विभागों से रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं।” अधिकारियों ने निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इससे पहले वे इस रैकेट के दायरे और अब्दुल कलाम की भारत और विदेश में पिछली गतिविधियों, गतिविधियों और संबंधों की गहन जाँच कर रहे हैं।

इस मामले ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को न केवल पहचान संबंधी धोखाधड़ी के कारण, बल्कि संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी निहितार्थों के कारण भी झकझोर कर रख दिया है। इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि एक विदेशी नागरिक जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके भारत के एक बड़े शहर में वर्षों तक बिना किसी पहचान के कैसे रह पाया।

भोपाल पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर, अब इस धोखाधड़ी की पूरी तह तक पहुँचने के लिए समय के साथ संघर्ष कर रही है—और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह एक अलग घटना थी या किसी गहरे, ज़्यादा परेशान करने वाले नेटवर्क का हिस्सा थी।

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