Maharastra Politics: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक बार फिर बीजेपी और फडणवीस सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने निशिकांत दुबे के बयान को लेकर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को घेरा और कहा कि पहले इन नेताओं को जवाब देना चाहिए, उसके बाद ही वह राज ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देंगे।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि, ‘निशिकांत दुबे का बयान सिर्फ़ उनकी निजी राय नहीं है, बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी की सोच को दर्शाता है। बीजेपी के नेता मराठी लोगों को धमकाते हैं और पार्टी चुपचाप बैठी रहती है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और शिंदे गुट की चुप्पी इस बात का सबूत है कि वे भी ऐसे विचारों से सहमत हैं।
राउत ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी जोरदार हमला बोला और कहा, ‘सरकार अहंकार में डूबी हुई है। मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी में गुंडों की भर्ती बंद करनी चाहिए। एक कानून बनाया जाना चाहिए या एक जीआर (सरकारी आदेश) जारी किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी में कोई अपराधी शामिल न हो।’
“हम दाऊद इब्राहिम को भाजपा में स्वीकार करेंगे”- राउत
उन्होंने यह भी कहा, “अगर दाऊद इब्राहिम भाजपा में शामिल होता है, तो हम उसे भी स्वीकार करेंगे। जैसे नासिक में मुकदमे वापस लिए गए, वैसे ही दाऊद और मेनन के मुकदमे भी किसी दिन वापस लिए जाएँगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में एक विधायक की हत्या की साज़िश की जानकारी भी सामने आई थी, फिर भी आरोपी विधानसभा के दरवाज़े पर खड़े होकर मारपीट कर रहे हैं।
मुंबई के मुद्दे पर बोलते हुए राउत ने कहा कि इस शहर पर पहला हक़ मराठी लोगों का है। उन्होंने कहा, ‘हिंदी थोपने की कोशिश मत करो। पूरी मुंबई एक गुजराती उद्योगपति के हवाले कर दी गई है। यहाँ तक कि बिजली का बिल भी गुजराती व्यापारी वसूल रहे हैं, जबकि मुंबई के मराठी मज़दूर कर्ज़ में डूबे हुए हैं।’ उन्होंने सीएम से माँग की कि वे मराठी लोगों को गिरगाँव चौपाटी पर बुलाएँ और उन्हें समझाएँ कि मुंबई उनकी है।
राज ठाकरे के बयान का समर्थन करते हुए राउत ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। राज ठाकरे की चुनौती किसी ‘दुबे’ को नहीं, बल्कि भाजपा को है। एक आदमी मराठी लोगों को धमकाता है और भाजपा नेता सिर झुकाए बैठे रहते हैं। इस मुद्दे पर हम पूरी तरह एकजुट हैं।
राउत ने कहा कि शुक्रवार को भारत गठबंधन की बैठक है, जिसमें उद्धव ठाकरे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हिस्सा लेंगे। अगस्त के पहले हफ़्ते में उद्धव ठाकरे के संभावित दिल्ली दौरे की भी तैयारियाँ चल रही हैं, जहाँ वे भारत गठबंधन के शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात करेंगे।