Pahalgam Terror Attack: भारत की बड़ी जीत हुई है।अमेरिका ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जबकि कई घायल हुए थे। टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा ?
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रुबियो ने कहा कि टीआरएफ पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक ‘प्रॉक्सी’ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। रुबियो ने कहा कि यह फैसला आईएनए और कार्यकारी आदेश 13224 के तहत आईएलए धारा 219 के अनुसार लिया गया।
पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी
इसने पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में लश्कर द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद से भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था। टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की ज़िम्मेदारी भी ली है, जिसमें 2024 में हुआ हालिया हमला भी शामिल है। इस घोषणा से टीआरएफ के वित्तीय और यात्रा संसाधनों पर अमेरिकी प्रतिबंध लगेंगे और इसे वैश्विक स्तर पर आतंकवाद-प्रायोजक घोषित किया जाएगा।
TRF लश्कर-ए-तैयबा का एक ‘प्रॉक्सी
टीआरएफ को भारतीय और वैश्विक खुफिया दस्तावेजों में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि समूह के रूप में देखा जाता है। इसने पिछले वर्षों में कश्मीर में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। ट्रम्प प्रशासन की इस पहल से टीआरएफ के लिए वित्तीय स्रोत और किसी भी अमेरिकी या अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा। अमेरिका का यह कदम दोनों देशों के साझा सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।
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अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद TRF का जन्म
टीआरएफ की स्थापना अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तुरंत बाद, अक्टूबर 2019 में हुई थी। इसके बाद, इसने खुद को एक स्थानीय कश्मीरी प्रतिरोध आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया। हालाँकि, यह संगठन लश्कर के लिए काम करता माना जाता है। यह उसी का एक छद्म संगठन है, जिसे FATF की जाँच से बचने के लिए एक नई पहचान दी गई थी।
TRF का उद्देश्य क्या है ?
जनवरी 2023 में, भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और इसके प्रमुख नेता शेख सज्जाद गुल को आतंकवादी घोषित कर दिया। TRF का उद्देश्य नागरिकों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और सुरक्षा बलों पर लक्षित हमले करना, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी करना, सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादियों की भर्ती अभियान चलाना और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचार करना है।