India Refused America Non Veg Cow Milk: डोनाल्ड ट्रंप आए दिन ट्रेड डील को हथियार बनाते दिखाई दे जाते हैं। इस बीच हाल ही में भारत ने अमेरिका के साथ एक डील करने से इनकार कर दिया है, जो गाय के दूध से जुड़ी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के ‘नॉनवेज गाय के दूध’ को भारत ने लेने से साफ मना कर दिया है। दिलचस्प बात ये है कि गाय का दूध नॉनवेज कैसे हो सकता है? आगे जानें इस डेयरी डील पर अमेरिका की कैसे बेइज्जती हो गई और कैसे गाय के दूध का नॉनवेज बना रहा दक्षिण देश?
Non Veg Cow Milk की डील पर क्या है भारत का रिएक्शन?
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच एक ट्रेड डील बीच में अटकती मालूम हो रही है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने अमेरिका की डेयरी प्रॉडक्ट्स की डील को रिजेक्ट कर दिया है। ये डील गाय के मांसाहारी दूध को लेकर थी, जिसके लिए भारत राजी नहीं हुआ। कहा जा रहा है कि डेयरी प्रॉडक्ट्स को लेकर प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। इससे भारत को नुकसान होने की भी संभावना है, आंकड़ों के मुताबिक दूध उत्पादन के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में गिना जाता है और देश की अर्थव्यस्था में इसका 3 प्रतिशत का योगदान है। ऐसे में अगर अमेरिका डेयरी प्रोडक्ट भेजता है तो इससे भारत को हर साल करीब 1.03 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
है क्या ये ‘गाय का मांसाहारी दूध’?
गाय आमतौर पर शाकाहार ग्रहण करती हैं, भारत में उनके लिए घास खिलाई जाती है और चारे के साथ अन्य शाकाहारी चीजें सानी जाती हैं। अमेरिका में गाय के चारे में सस्ता प्रोटीन जोड़ने के लिए उन्हें मछली, मुर्गी और सुअर का मांस खिलाया जाता है। इसमें घोड़े की चर्बी भी जोड़ी जाती है। इस वजह से गाय का दूध मांसाहारी हो जाता है। यही वजह है कि भारत अमेरिका से ऐसा डेयरी प्रोडक्ट नहीं लेना चाहता है। इसके अलावा दावा ये भी है कि इस ट्रेड डील को भारत सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं की वजह से भी रिजेक्ट कर रहा है। इसे उपभोक्ताओं की सुरक्षा से समझौते की ‘रेड लाइन’ माना जा रहा है।