Shubhanshu Shukla Return: भारत के लाल और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन में शामिल तीन अन्य लोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास और 22.5 घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार को धरती पर लौट चुके हैं। सभी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में उतरा। अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला की पहली तस्वीरें सामने आई हैं।
मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बाहर निकले शुभांशु शुक्ला
मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला अपने सफर के बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान से मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बाहर निकले। उन्होंने पूरे 18 दिनों बाद गुरुत्वाकर्षण का अनुभव किया। चारों अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बाहर आ गए हैं। सबसे पहले कमांडर पैगी व्हिटसन गन अंतरिक्ष यान से बाहर आईं और फिर मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला बाहर आए।
पृथ्वी पर लौटने के बाद, अब शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 टीम को 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा। उसके बाद ही उनका सामान्य जीवन शुरू हो पाएगा। रविवार (13 जुलाई 2024) को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विदाई समारोह में शुभांशु शुक्ला ने कहा, “जल्द ही धरती पर मिलते हैं।” शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद 1984 में अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। एक्सिओम-4 मिशन के साथ, भारत, पोलैंड और हंगरी चार दशक से भी ज़्यादा समय के बाद अंतरिक्ष में लौटे हैं।
Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to earth from the International Space Station 18 days later #AxiomMission4
(Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/uPDQPLG6wT
— ANI (@ANI) July 15, 2025
शुभांशु ने बताया अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत?
राकेश शर्मा को याद करते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि 41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी और बताया था कि वहाँ से भारत कैसा दिखता है। शुभांशु ने कहा, “हम सभी आज भी यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि ऊपर से भारत कैसा दिखता है। आज का भारत महत्वाकांक्षी दिखता है… आज का भारत निडर दिखता है… आज का भारत आत्मविश्वास से भरा दिखता है… आज का भारत गर्व से भरा दिखता है। इन्हीं सब वजहों से, मैं एक बार फिर कह सकता हूँ कि आज का भारत आज भी ‘सारे जहाँ से अच्छा’ दिखता है। धरती पर जल्द ही मिलते हैं।”