Radhika Yadav murder case: गुरुग्राम की राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले की जाँच के दौरान पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में बताया कि राधिका यादव ने कथित तौर पर गाँव वालों के तानों से परेशान अपने पिता दीपक यादव को समझाने की कोशिश की थी। दीपक यादव के गाँव वाले उसे ताना मारते थे कि वह अपनी बेटी की कमाई पर जिंदगी का गुजर-बसर करता है।
गुरुवार (10 जुलाई) को दीपक यादव ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित अपने पैतृक घर में अपनी बेटी राधिका की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना को अंजाम देने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अदालत ने हत्या के आरोपी पिता को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी पिता ने बयान दिया
पुलिस पूछताछ में दीपक ने स्वीकार किया है कि वह गाँव वालों के तानों से मानसिक रूप से काफी परेशान था और पिछले 15 दिनों से ठीक से सो नहीं पा रहा था। वह काफी बेचैन हो गया था और अपने घर में इधर-उधर घूमता रहता था। इसके अलावा, उसने अपने परिवार वालों से बात करना भी बंद कर दिया था।
दीपक ने राधिका की टेनिस ट्रेनिंग पर खर्च किए 2.5 करोड़ रुपये
अपनी बेटी की हत्या के आरोपी पिता दीपक यादव ने राधिका की बचपन से ही टेनिस ट्रेनिंग पर 2.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च किए थे। हालाँकि, दो साल पहले राधिका को चोट लग गई थी, जिसके कारण राधिका प्रतिस्पर्धी टेनिस में अपना करियर आगे नहीं बढ़ा सकीं।
अपने प्रतिस्पर्धी टेनिस करियर के रुकने के बाद, राधिका ने टेनिस कोचिंग देना शुरू किया। उन्होंने अलग-अलग जगहों पर टेनिस कोर्ट बुक करके खेल प्रेमियों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। इसके साथ ही, वह एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने की भी कोशिश कर रही थीं। राधिका एक साल पहले रिलीज़ हुए एक म्यूज़िक वीडियो में भी नज़र आई थीं। इसके अलावा, वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर नियमित रूप से रील बनाकर अपलोड करती थीं।
दीपक ने अपनी बेटी के सोशल मीडिया अकाउंट बंद करवा दिए, साथ ही उस पर कोचिंग के लिए दबाव भी बनाया
हालाँकि, दीपक अपनी बेटी की सोशल मीडिया पर मौजूदगी से काफी परेशान थे। इसी वजह से दीपक ने राधिका पर बार-बार अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने का दबाव बनाया, जिसके बाद राधिका ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए।
सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने के बाद, दीपक राधिका पर टेनिस कोचिंग बंद करने का दबाव भी बना रहे थे। उन्होंने खुद अपनी बेटी राधिका के प्रशिक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे, लेकिन गाँव और समाज के लोगों की आलोचना और तानों के प्रति बेहद संवेदनशील हो गए थे।
अपने पिता से यकीन बनाए रखने की विनती करती थीं राधिका
दीपक अपने ब्रोकरेज व्यवसाय से सालाना 15 लाख रुपये कमाते थे। इसलिए, वह अक्सर अपनी बेटी से कहते थे कि वह अपनी अकादमी बंद कर दे क्योंकि वह खुद परिवार का पालन-पोषण करने में सक्षम है। लेकिन राधिका अपने सपनों के प्रति समर्पित थी और अपने पिता से लगातार विश्वास बनाए रखने की विनती करती थी। वह अपने पिता से कहती थी, “आपने मुझ पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। मैं उस पैसे को बर्बाद नहीं होने दूँगी। मैं अपनी टेनिस प्रतिभा और अनुभव से दूसरे युवाओं को टेनिस का प्रशिक्षण दूँगी।”
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