Home > देश > 14 तारीख को महाराष्ट्र बंद का ऐलान! टैक्स बढ़ाने पर सरकार पर भड़के होटल-रेस्टोरेंट के मालिकों ने जताया गुस्सा, जानें क्या होगा असर?

14 तारीख को महाराष्ट्र बंद का ऐलान! टैक्स बढ़ाने पर सरकार पर भड़के होटल-रेस्टोरेंट के मालिकों ने जताया गुस्सा, जानें क्या होगा असर?

Maharashtra Hotels & Restaurants Protest Tax Hike: महाराष्ट्र में होटल और रेस्टोरेंट उद्योग सरकार की कर नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (AHAR) ने सोमवार, 14 जुलाई, 2025 को राज्यव्यापी बंद की घोषणा की है। इ

By: Deepak Vikal | Published: July 11, 2025 7:35:22 PM IST



Maharashtra Hotels & Restaurants Protest Tax Hike: महाराष्ट्र में होटल और रेस्टोरेंट उद्योग सरकार की कर नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (AHAR) ने सोमवार, 14 जुलाई, 2025 को राज्यव्यापी बंद की घोषणा की है। इस बंद के तहत, पूरे महाराष्ट्र में सभी परमिट रूम और बार पूरी तरह से बंद रहेंगे।

उद्योग संगठनों का आरोप है कि सरकार ने हाल ही में शराब पर वैट दोगुना कर दिया है, जिससे होटल और बार उद्योग पर आर्थिक बोझ कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा, लाइसेंस शुल्क में 15% और उत्पाद शुल्क में 60% की भारी वृद्धि ने उद्योग को हिलाकर रख दिया है।

कर वृद्धि पर नाराज

AHAR और अन्य संगठनों का कहना है कि यह कर वृद्धि न केवल व्यापार के लिए हानिकारक है, बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के होटलों और बार के अस्तित्व के लिए सीधा खतरा बन गई है। इस संकट से हजारों नौकरियां और लाखों परिवारों की आजीविका प्रभावित हो सकती है।

AHAR के अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर कहा, सरकार की हालिया कर नीति बेहद अन्यायपूर्ण है। हमने इस मुद्दे पर प्रशासन को कई बार सूचित किया है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसीलिए हमें राज्यव्यापी बंद का निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ा है।

राज्य भर में बंद का प्रभाव

14 जुलाई को घोषित बंद पूरे महाराष्ट्र में प्रभावी रहेगा। बंद के दौरान, सभी परमिट रूम, बार और शराब परोसने वाले होटल-रेस्टोरेंट पूरी तरह से बंद रहेंगे। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह बंद शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन अगर सरकार ने अभी भी संज्ञान नहीं लिया, तो आंदोलन और हिंसक हो सकता है।

बंद का असर मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर जैसे प्रमुख शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिलेगा। होटल, बार और रेस्टोरेंट से जुड़े अन्य संगठनों ने भी AHAR के इस आह्वान का समर्थन करने की बात कही है।

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सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति

AHAR का कहना है कि यह बंद कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि उद्योग के अस्तित्व की लड़ाई है। एसोसिएशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, हम सरकार से एक निष्पक्ष कर नीति की मांग करते हैं।

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