Home > धर्म > रात होते ही इस मंदिर में साक्षात दर्शन देती हैं देवी दुर्गा! कदम रखते ही अपने आप बजने लगती हैं सभी घंटियां, क्या है इसके पीछे का वो अद्भुद रहस्य?

रात होते ही इस मंदिर में साक्षात दर्शन देती हैं देवी दुर्गा! कदम रखते ही अपने आप बजने लगती हैं सभी घंटियां, क्या है इसके पीछे का वो अद्भुद रहस्य?

Sawan 2025: देवरिया जिले के बाहरी इलाके में स्थित देवरही मंदिर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जो सिर्फ आस्था ही नहीं, रहस्यों और चमत्कारों का केंद्र भी बन चुका है। मां दुर्गा को समर्पित इस मंदिर से जुड़े कई किस्से हैं, जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।

By: Yogita Tyagi | Published: July 11, 2025 2:15:42 PM IST



Sawan 2025: देवरिया जिले के बाहरी इलाके में स्थित देवरही मंदिर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जो सिर्फ आस्था ही नहीं, रहस्यों और चमत्कारों का केंद्र भी बन चुका है। मां दुर्गा को समर्पित इस मंदिर से जुड़े कई किस्से हैं, जो इसे और भी विशेष बनाते हैं। यहां हर मंगलवार और शनिवार को एक घंटी अपने आप बजने लगती है। इस रहस्यमयी घटना को अब तक कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं समझा पाया, लेकिन भक्त इसे मां की कृपा मानते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, सदियों पहले एक साधु को स्वप्न में मां दुर्गा ने दर्शन दिए और एक विशेष स्थान की ओर संकेत किया। गांव वालों ने जब वहां खुदाई की, तो वहां से मां की एक भव्य प्रतिमा निकली। उसी स्थान पर देवरही मंदिर की स्थापना की गई और तब से यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक बन गया।

जंगल में बना हुआ था ये मंदिर 

प्राचीन काल में यह पूरा क्षेत्र ‘देवरण्य’ नामक एक घना जंगल हुआ करता था, जहां ऋषि-मुनि यज्ञ और तपस्या करते थे। कहा जाता है कि यह स्थान प्राकृतिक और आध्यात्मिक शक्तियों से भरपूर था। यही वजह है कि यहां की वन देवी की पूजा का विशेष महत्व था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान हजारों वर्षों से दिव्य शक्तियों से जाग्रत है। उन्होंने यह भी साझा किया कि मंदिर में खुद बजने वाली घंटी आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुई है। वहीं भक्त इसे देवी की उपस्थिति का प्रमाण मानते हैं।

मां के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित 

इसे देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और मां के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां से मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है। मंदिर परिसर में स्थित एक पुराना पीपल का पेड़ भी रहस्य और श्रद्धा का केंद्र है। कहते हैं कि इस पेड़ के नीचे साधना करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। देवरही मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा चमत्कारी धाम बन चुका है, जहां हर भक्त को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो उन्हें बार-बार यहां आने को प्रेरित करता है।

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