UP News: सावन का महीना शुरू हो गया है। वहीँ इस पवित्र महीने में शिव जी के मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लग जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, भारत में एक ऐसा शिवलिंग है, जिसकी पूजा सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी करते हैं। जी हाँ, यह शिवलिंग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर सरया तिवारी गाँव में स्थित है। सावन के महीने में यहाँ जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। वहीँ ऐसा माना जाता है कि, जब शासक महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया, तो उसने इस शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की थी।
मुगलों से जुड़ा है इतिहास
वहीँ जब वो इस शिवलिंग को कोई आंच नहीं पहुंचा पाया, तो उसने इस शिवलिंग पर इस्लाम का पवित्र कलमा खुदवा दिया। इसी कारण मुस्लिम धर्म के लोग भी इस मंदिर में पूजा करने आते हैं। और पूरे रीति रिवाज से शिवलिंग की पूजा करते हैं। ऐसे में सावन के महीने में यहाँ भारी भीड़ लग जाती है। जिनमे हिंदू-और मुस्लिम दोनों धर्मो के लोग शामिल होते हैं।
जानिए क्या हैं मान्यताएं
वहीँ ग़ज़नवी की मंशा थी कि हिंदू इस शिवलिंग की पूजा न करें। इसके विपरीत, यह शिवलिंग सांप्रदायिक एकता का प्रतीक बन गया। वहीँ हिंदू और मुसलमान दोनों इस शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस शिवलिंग को झारखंडी शिवलिंग भी कहा जाता है। लोगों का मानना है कि यह शिवलिंग 100 साल से भी ज़्यादा पुराना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के बगल में एक तालाब है, जिसे लोग अद्भुत मानते हैं। दरअसल, मान्यता है कि इस तालाब के पानी में स्नान करने से एक राजा का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था। तब से, जो भी चर्म रोग से पीड़ित होता है, वह यहाँ 5 मंगलवार या 5 रविवार को स्नान करने आता है।