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Classroom Phone Safe: चॉक की धूल से तोड़ दिया फोन सेफ का लॉक, जानें तरीका..!

Classroom Phone Safe: चीन के शेनझेन में छात्रों ने चॉक की धूल से क्लासरूम सेफ का पासवर्ड पहचानकर अपने मोबाइल निकाले. वीडियो वायरल हुआ, स्कूल ने कार्रवाई की, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी.

By: sanskritij jaipuria | Published: December 30, 2025 10:50:45 AM IST



Classroom Phone Safe: चीन के शेनझेन शहर के एक हाई स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने अपनी समझदारी से सभी को हैरान कर दिया. स्कूल में मोबाइल फोन रखने पर सख्त रोक थी और छात्रों के फोन एक सेफ में बंद कर दिए जाते थे. लेकिन कुछ छात्रों ने एक अलग तरीका अपनाकर उस सेफ का कोड पता कर लिया.

बताया गया कि छात्रों को ये तरीका एक सस्पेंस नॉवेल पढ़कर सूझा. उन्होंने सेफ के नंबर पैड पर चॉक की धूल लगाई. इससे ये साफ दिखने लगा कि पहले किन नंबरों को ज्यादा बार दबाया गया था. इन्हीं निशानों की मदद से उन्होंने सही पासवर्ड समझ लिया.

 तीन छात्रों की मदद से खुला राज

ये घटना एक बोर्डिंग स्कूल की है, जहां मोबाइल फोन लाने की सख्त मनाही है. इस काम में कुल तीन छात्रों ने मिलकर योजना बनाई. एक छात्र ने चॉक की धूल लगाई, दूसरे ने नंबर पहचानकर पासवर्ड निकाला और तीसरे ने यह जानकारी बाकी छात्रों तक पहुंचाई.

 वीडियो बनाकर फैल गई बात

इस पूरे काम को एक छात्र ने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया. बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया. इसके बाद एक अन्य छात्र ने उसी पासवर्ड का इस्तेमाल करके सेफ खोला और फोन निकाल लिए.

स्कूल प्रशासन को जब इस घटना की जानकारी मिली तो सभी संबंधित छात्रों को बुलाया गया. स्कूल ने उन्हें सजा दी और सेफ का पासवर्ड बदल दिया गया. साथ ही सुरक्षा के लिए सेफ को क्लासरूम से हटाकर शिक्षकों के कार्यालय में रख दिया गया.

 नोटिस के बाद मामला हुआ वायरल

10 दिसंबर को स्कूल की ओर से जारी अनुशासनात्मक नोटिस के बाद ये मामला चर्चा में आ गया. स्कूल के एक प्रतिनिधि ने बताया कि मोबाइल फोन पर रोक का नियम काफी समय से लागू है और दी गई सजा स्कूल के नियमों के अनुसार ही है.

ये घटना चीनी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई. कुछ लोगों ने छात्रों की सोच की तारीफ की और कहा कि किताबें पढ़ने से दिमाग तेज होता है. वहीं कुछ लोगों ने माना कि शरारत जरूर थी, लेकिन बच्चों की समझदारी काबिले तारीफ है. एक यूजर ने तो मजाक में ये भी कहा कि ऐसे बच्चों को पुलिस अकादमी में जाना चाहिए.

 

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