What is Real Tea: चाय बोले तो ‘बेसिक नीड‘! लेकिन सवाल ये है कि जो चाय हम दिन में 3 से 4 बार पीते हैं क्या वो असली है या कई ब्रांड हमें गुमराह कर रहे हैं. अगर आप अलग-अलग तरह की चाय पीने के शौकीन हैं, तो आपको सबसे पहले यह पता लगाना चाहिए कि आप जो पी रहे हैं, वो सच में असली है या नहीं? आज हम आपको इसी बात का जवाब देने वाले हैं, जानकारी के मुताबिक, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने चाय की एक परिभाषा जारी की है. उन्होंने उन कंपनियों और लोगों को भी कड़ी चेतावनी दी है जो चाय के नाम पर ऐसे प्रोडक्ट बेच रहे हैं जो असल में चाय नहीं हैं. फूड रेगुलेटर ने कहा कि सिर्फ़ असली चाय की पत्तियों से बने पेय को ही चाय माना जाएगा. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो कंपनियाँ गुमराह करने वाली ब्रांडिंग का इस्तेमाल कर रही हैं और अपने प्रोडक्ट के बारे में झूठे दावे कर रही हैं, उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे.
FSSAI ने दी चेतावनी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फूड बिजनेस चलाने वालों को कड़ी चेतावनी दी है कि कोई भी पौधा या पौधे से बना पेय जो असली चाय के पौधे, *कैमेलिया साइनेंसिस*, से नहीं बना है, उसे “चाय” के रूप में लेबल नहीं किया जा सकता. FSSAI ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि ऐसी हरकतों को गुमराह करने वाली ब्रांडिंग और गलतबयानी माना जाएगा. नियम तोड़ने वालों को उनके प्रोडक्ट और फूड लेबलिंग के बारे में जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
किन प्रोडक्ट्स को नहीं माना जाएगा चाय ?
FSSAI का कहना है कि कई फूड बिजनेस ‘रूइबोस टी‘, ‘हर्बल टी‘ और ‘फ्लावर टी‘ जैसे प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं, जबकि ये असली चाय के पौधे से नहीं बनाई गई है. नियमों का कहना है कि ‘चाय’ शब्द का इस्तेमाल सिर्फ़ कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से बने ड्रिंक्स के लिए किया जा सकता है. इसमें ग्रीन टी, कांगड़ा टी और इंस्टेंट टी जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं. FSSAI ने साफ कहा है कि हर्बल या पौधों से बने ऐसे मिक्सचर जो असली चाय के पौधे से नहीं बने हैं, उन्हें ‘चाय‘ नहीं कहा जा सकता.