Home > देश > आ गई चीन-पाकिस्तान की शामत, दुनिया में बजेगा मेड-इन-इंडिया का डंका, 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर सरकार घर में ही बनावायेगी तबाही का सामान

आ गई चीन-पाकिस्तान की शामत, दुनिया में बजेगा मेड-इन-इंडिया का डंका, 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर सरकार घर में ही बनावायेगी तबाही का सामान

अब तक भारत ड्रोन तकनीक के लिए विदेशी कंपनियों पर भरोसा करता था, लेकिन पहली बार देश की निजी कंपनियों को अत्याधुनिक ड्रोन निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इससे भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

By: Divyanshi Singh | Published: July 10, 2025 1:48:28 PM IST



MALE drones:भारत अब अपनी जमीनी और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई देने जा रहा है। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि देश की निजी कंपनियों से 87 एडवांस MALE (Medium Altitude Long Endurance) ड्रोन खरीदे जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह पूरा मिशन मेक इन इंडियाके तहत किया जाएगा।

अब विदेशी ड्रोन पर नहीं रहेगी निर्भरता

अब तक भारत ड्रोन तकनीक के लिए विदेशी कंपनियों पर भरोसा करता था, लेकिन पहली बार देश की निजी कंपनियों को अत्याधुनिक ड्रोन निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इससे भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

  कैसे काम करेंगे ये हाई-टेक ड्रोन?

  •  ये ड्रोन लगातार 30 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।
  • यह 35,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरकर रियल-टाइम सर्विलांस  इंटेलिजेंस और टोही में मदद करेंगे।
  •  इनमें उन्नत कैमरा, सेंसर और लड़ाकू टेक्नोलॉजी होगी।
  • 60% से ज्यादा पुर्जे भारत में ही बनेंगे।

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 तीनों सेनाओं को मिलेगा जबरदस्त फायदा

  • थल सेना, नौसेना और वायुसेना सभी को इन ड्रोन से सटीक निगरानी की क्षमता मिलेगी।
  •  खासकर भारतीय वायुसेना को भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर बड़ी मजबूती मिलेगी।
  •  ये ड्रोन उन दुर्गम इलाकों में भी दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे जहां आम निगरानी संभव नहीं।

 क्या है अगला कदम?

  •  यह प्रस्ताव अब रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति के पास भेजा गया है।
  • मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ड्रोन निर्माण और तैनाती का काम शुरू हो जाएगा।

 क्यों है यह कदम अहम?

  • राष्ट्रीय सुरक्षा को आधुनिक तकनीक से जोड़ना।
  •  भारत की ड्रोन इंडस्ट्री को वैश्विक मंच पर लाना।
  • मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करना।

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