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T20 World Cup 2026 से पहले गिल बनाम संजू- T20I आंकड़ों में कौन है आगे?

Team India Squad: ICC मेंस T20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले भारत के टीम को फाइनल किए जाने के साथ ही संजू सैमसन और शुभमन गिल के बीच एक साफ स्टैटिस्टिकल और टैक्टिकल अंतर सामने आया है. हालांकि गिल के ओवरऑल रिकॉर्ड और शानदार परफॉर्मेंस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

By: Mohammad Nematullah | Published: December 22, 2025 8:14:28 PM IST



Team India Squad: ICC मेंस T20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले भारत के टीम को फाइनल किए जाने के साथ ही संजू सैमसन और शुभमन गिल के बीच एक साफ स्टैटिस्टिकल और टैक्टिकल अंतर सामने आया है. हालांकि गिल के ओवरऑल रिकॉर्ड और शानदार परफॉर्मेंस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. लेकिन सैमसन के T20I नंबर, स्ट्राइक रेट और अलग-अलग भूमिकाओं में फ्लेक्सिबिलिटी ने उन्हें वर्ल्ड कप स्क्वाड में जगह बनाने के लिए एक निर्णायक बढ़त दी है.

सेलेक्टर्स और एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत हैं कि मॉडर्न T20 फॉर्मेट में पावरप्ले में विस्फोटक असर और अनुकूलन क्षमता की जरूरत होती है. ऐसे क्षेत्र जहां सैमसन ने बड़े सैंपल साइज में गिल से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है.

शुभमन गिल बनाम संजू सैमसन

उनके T20I करियर के आंकड़ों पर एक नजर उनके अप्रोच में अंतर को उजागर करती है.

शुभमन गिल: 36 मैच, 36 पारियां, 869 रन, औसत 28.03, स्ट्राइक रेट 138.59, एक शतक, 3 अर्धशतक, उच्चतम स्कोर 126 नाबाद

संजू सैमसन: 52 मैच, 44 पारियां, 1032 रन, औसत 25.80, स्ट्राइक रेट 148.06, तीन शतक, 2 अर्धशतक, उच्चतम स्कोर 111

गिल का सबसे यादगार पल न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका 126 नाबाद था. जिसने उन्हें कुछ समय के लिए एलीट T20 खिलाड़ियों की लिस्ट में पहुंचा दिया था. हालांकि वह प्रदर्शन टिकाऊ साबित नहीं हुआ. दूसरी ओर सैमसन ने काफी ज़्यादा मैचों में 145 से ऊपर का करियर स्ट्राइक रेट बनाए रखा है. जिससे एक हाई-इम्पैक्ट T20 बल्लेबाज के रूप में उनकी प्रतिष्ठा मजबूत हुई है.

T20I में गिल का लंबा खराब फॉर्म

गिल के मौके खराब होने का सबसे बड़ा कारण उनका लंबे समय से खराब फॉर्म है. एक अच्छी शुरुआत के बावजूद गिल 18 T20I पारियों में एक भी अर्धशतक बनाने में नाकाम रहे हैं, और 2025 में उनका प्रदर्शन तेज़ी से गिरा है. 2025 कैलेंडर वर्ष में 15 T20I मैचों में गिल सिर्फ 291 रन बना पाए, औसत 24.25 और लगभग 137 के स्ट्राइक रेट के साथ है. ये आंकड़े पावरप्ले में उस आक्रामकता से काफी कम थे जिसकी सेलेक्टर्स वर्ल्ड कप की स्थितियों के लिए तलाश कर रहे थे. जहां एक तेज शुरुआत को महत्वपूर्ण माना जाता है. सैमसन का मौजूदा फॉर्म इस जरूरत के हिसाब से है.

गिल के बजाय सैमसन को क्यों चुना?

यह T20-खास फैसला था, न कि ओवरऑल टैलेंट का आकलन है. बैटिंग एनालिसिस से पता चलता है कि गिल को बाहर करना एक रणनीतिक फैसला था, न कि उनकी ओवरऑल काबिलियत का नतीजा है. गिल का ज़्यादा एंकर-स्टाइल T20 अप्रोच, साथ ही उनका लंबे समय तक खराब फॉर्म, उनके खिलाफ गया, ऐसे सेटअप में जो टॉप ऑर्डर में ज़्यादा से ज़्यादा आक्रामकता को प्राथमिकता देता है. पूर्व खिलाड़ियों ने भी इस विचार का समर्थन किया है. यह सुझाव देते हुए कि सैमसन आधुनिक T20 ब्लूप्रिंट में ज़्यादा स्वाभाविक रूप से फिट बैठते हैं, भले ही गिल भारत के सबसे टैलेंटेड ऑल-फॉर्मेट बल्लेबाजों में से एक है.

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