Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय को मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि लगाव से लगाव छोड़ा जा सकता है. यदि हमारा श्री भगवान से लगाव हो जाए, धन से लगाव, परिवार से, शरीर से लगाव सब छूट जाएगा
“देह कुटुंब ते हुए छूट सब ही सब नाते” जब परम प्यारे का प्यार प्राप्त होता है तो सब का प्यार खत्म हो जाता है. जिसका अर्थ है कि शरीर (देह) के नाश के साथ ही परिवार (कुटुंब) और सभी रिश्ते-नाते छूट जाते हैं, और यह हमें प्रभु भक्ति (हरि) पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देती है, क्योंकि अंत में केवल ईश्वर ही अपना है.
अनेकों जन्म के बाद भी हमारा कोई साथी नहीं. यहां से अकेला जाना है. “दुनिया में लाखों का मेला जुड़ा, हंसा जब-जब उड़ा तो अकेला उड़ा” यह एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक पंक्ति बताती है कि संसार में कितने भी लोग हों, मृत्यु के समय या जीवन के अंतिम सत्य के समय व्यक्ति अकेला ही होता है. लेकिन अकेले हम हो नहीं पाते, हम किसी ना किसी चीज को पकड़े रहते हैं, धन को मकान को, परिवार को रिश्तों को नाते को मित्र को अगर भगवान को पकड़ ले या भगवान से लगाव लगा लें तो सबसे लगाव छूट जाएगा.
भगवान से लगाव कैसे होगा, उनका नाम जप करने से, भगवान की लीला कथा सुनने से, भगवान के भक्तों के संग से, गंदे का साथ को छोड़ने से भगवान का साथ मिलेगा.
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