‘India News Manch’ कॉन्क्लेव में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देश के बढ़ते प्रदूषण और ‘क्लीन एयर’ (स्वच्छ हवा) की चुनौती पर खुलकर चर्चा की. उन्होंने हरियाणा में पराली प्रबंधन की सफलता से लेकर दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते AQI स्तर पर सरकार के विजन को साझा किया.
स्वच्छ हवा एक बड़ी राष्ट्रीय चिंता
मनोहर लाल खट्टर ने स्वीकार किया कि जहाँ देश के शहर ‘क्लीन सिटी’ प्रतियोगिता के चलते स्वच्छ हो रहे हैं, वहीं हवा की गुणवत्ता (Air Quality) अभी भी एक गंभीर विषय है. उन्होंने कहा “आज दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में AQI 400 के पार जा रहा है. यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की चिंता है. हमने सुधार किए हैं, लेकिन यह कहना कि सब ठीक हो गया है, गलत होगा. अभी बहुत कुछ करना बाकी है.”
हरियाणा में पराली अब ‘वेस्ट’ नहीं, ‘वेल्थ’ है
पराली जलाने के मुद्दे पर विपक्ष और पर्यावरणविदों की चिंताओं का जवाब देते हुए खट्टर ने हरियाणा का मॉडल पेश किया. उन्होंने बताया कि अब पराली किसानों के लिए बोझ नहीं बल्कि कमाई का जरिया बन गई है किसान अब पराली बेचकर प्रति एकड़ ₹2,000 से ₹3,000 तक कमा रहे हैं. पराली का उपयोग एथेनॉल बनाने, बिजली उत्पादन और पैलेट्स (Pellets) बनाने में किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में अब मात्र 1 से 2% किसान ही पराली जलाते हैं, बाकी इसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.
डंप साइट्स और कचरा प्रबंधन पर जोर
शहरी विकास मंत्री के नाते उन्होंने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अगले चरण पर बात करते हुए कहा कि शहरों में स्थित पुराने कचरे के पहाड़ों (Legacy Waste) को खत्म करना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक कूड़े का सही से निस्तारण (Segregation and Processing) नहीं होगा, तब तक प्रदूषण पर पूरी तरह लगाम लगाना मुश्किल है.
कड़े नियमों का समर्थन “भय बिनु होय न प्रीति”
दिल्ली में BS-6 वाहनों और प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) को लेकर की गई सख्ती का समर्थन करते हुए खट्टर ने कहा कि सुधार के लिए कभी-कभी कड़े कदम उठाने पड़ते हैं. उन्होंने प्रसिद्ध चौपाई का जिक्र करते हुए कहा, “जब तक डर नहीं होता, तब तक लोग नियमों को गंभीरता से नहीं लेते। सुधार के लिए थोड़ी तकलीफ सहनी पड़ती है.”