Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही हवा और भी ज्यादा जहरीली होती जा रही है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि बिना मास्क के लोग घर से बाहर तक नहीं निकल सकते. दिल्ली की हवा अब सांस लेने के लायक भी नहीं बची है. दिल्ली में प्रदूषण का कारण उसकी भौगोलिक स्तिथि भी है. पर्यावरणविदों के मुताबिक, दिल्ली का भूगोल प्रदूषण को अपने भीतर ही कैद कर के रख लेता है. जिसके कारण यह दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में बदल जाती है.
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति
दिल्ली इंडो-गंगा मैदान में स्थित है. हिमालय, अरावली पहाड़ियों तथा यमुना नदी के बीच एक कटोरे जैसी आकृति के बनी हुई है. जिसके कारण यह प्रदूषण के कणों को बाहर निकलने से रोक देती है. दिल्ली की भौगोलिक संरचना एक कटोरे की तरह है. इसके चारों तरफ ऊंची-ऊंची पहाड़ियां मौजूद हैं. पश्चिम में मालवा का पठार, दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम में अरावली आदी मौजूद है. जिसके कारण दिल्ली प्रदूषण की हवाओं को कैद कर देता है. ऐसे में प्रदूषित हवाएं दिल्ली के भीतर ही घूमती रहती है.
तापमान और हवाएं भी जिम्मेदार
दिल्ली में भूगोल सर्दी के मौसम में और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है. टेम्परेचर इनवर्जन के कारण सर्दियों में और भी ज्यादा प्रदूषण हो जाता है. सर्दियों में हल्की हवाएं तापमान को जमीन के पास कैद कर रख लेती है.
विदेशों में कैसे नियंत्रित होता है प्रदूषण?
दिल्ली की तरह, बीजिंग और मैक्सिको भी भौगोलिक स्थिति के कारण गंभीर प्रदूषण का सामना करते थे.
बीजिंग, चीन
कोयला बॉयलर बंद किए, उद्योगों पर सख्त नियंत्रण, इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा बढ़ाया, और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण लागू किया. जिसके कारण PM2.5 स्तरों में 35% की कमी आई.
मैक्सिको सिटी, मेक्सिको:
1989 में नंबर प्लेट के आधार पर कार उपयोग पर प्रतिबंध लगाया, जिससे प्रदूषण कम हुआ.
चीन (बीजिंग):
सख्त प्रवर्तन, कोयला बंद करना, EV को बढ़ावा, और अंतर-प्रांतीय सहयोग.
मैक्सिको :
कार प्रतिबंध (नंबर प्लेट), प्रदूषण के हॉटस्पॉट को नियंत्रित करना.
क्या भारत में काम करेगी ये नीतियां?
जी हां, भारत में यह नीतियां काम कर सकती हैं. GRAP जैसे अल्पकालिक उपायों से हटकर दीर्घकालिक योजना जरूरी है. EV को बढ़ावा, मेट्रो विस्तार, और CNG/इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ाना सफल हो सकता है, जैसा चीन में हुआ.बिजली संयंत्रों को अपग्रेड या बंद करना और प्रदूषणकारी उद्योगों पर कड़ी निगरानी भारत के लिए महत्वपूर्ण है.