Home > देश > गांव जाकर लड़कियों की ये चीज बेचता था छांगुर बाबा, फिर कैसे बना लिया करोड़ों का साम्राज्य? जानकर होश उड़ जाएंगे

गांव जाकर लड़कियों की ये चीज बेचता था छांगुर बाबा, फिर कैसे बना लिया करोड़ों का साम्राज्य? जानकर होश उड़ जाएंगे

धर्मांतरण रैकेट के सरगना छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन और पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बलरामपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने छांगुर बाबा और उसके गिरोह के सदस्यों की अवैध रूप से कब्ज़ा की गई सरकारी ज़मीन पर बनी संपत्तियों पर बुलडोज़र चला दिया।

By: Ashish Rai | Published: July 9, 2025 3:39:21 PM IST



Jhangur Baba Balrampur: कभी साइकिल पर गली-गली घूमकर अंगूठियां-नग बेचने वाला छांगुर बाबा देखते ही देखते करोड़ों के साम्राज्य के मालिक कैसे बन गया? बलरामपुर के लोग आज भी यह समझ नहीं पा रहे हैं। धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जब छांगुर बाबा की आलीशान हवेली और उसकी सुख-सुविधाओं का राज खुला, तो अफसर भी हैरान रह गए।

बलरामपुर की हवेली से मिले सुराग सीधे तौर पर एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। एक स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि छांगुर बाबा गली-गली घूमकर अंगूठियां बेचा करते थे। फिर एक बार वे मुंबई गए और लौटकर उनकी किस्मत बदल गई।

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किसी किले से कम नहीं है छांगुर बाबा की हवेली

बलरामपुर में बनी छांगुर बाबा की हवेली किसी किले से कम नहीं है। ऊँची दीवारें, दीवारों पर करंट दौड़ते कंटीले तार और अंदर 18 से 20 कमरों वाली आलीशान हवेली – यह सब देखकर स्थानीय लोग हैरान हैं। सीसीटीवी लगाने वाले एक तकनीशियन ने बताया कि बाबा ने उन्हें सिर्फ़ एक हिस्से में ही कैमरा लगाने की इजाज़त दी थी। इसके लिए उन्होंने 3 लाख रुपये से ज़्यादा का भुगतान किया था। उन्हें पूरा घर देखने की इजाज़त नहीं थी, लेकिन अंदर की सजावट देखकर वे दंग रह गए।

छांगुर बाबा की हवेली के अंदर फ्लैटों की तरह 2BHK शैली के कमरे बनाए गए थे, जिनमें आलीशान बिस्तर, रसोई और अन्य सुख-सुविधाएँ थीं। वहाँ से उर्दू में लिखी किताबें और ‘कलावा’ भी मिला, जिससे पता चलता है कि धर्म परिवर्तन के दौरान पीड़ितों के साथ छल किया गया था।

धार्मिक रंगों से रंगी हवेली के अंदर जर्मन शेफर्ड, ब्लैक डॉग और बुलडॉग जैसी विदेशी नस्ल के कुत्ते थे, साथ ही घोड़ों के लिए संगमरमर से सजा हुआ अस्तबल भी था। बलरामपुर के अलावा लखनऊ में भी उसकी आलीशान हवेली है, जहाँ कई विदेशी उत्पादों के साथ-साथ खुफिया सीसीटीवी भी मिले हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि साइकिल से अंगूठियाँ बेचने वाला शख्स अचानक इतने करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? क्या मुंबई से लौटने के बाद वह धर्मांतरण कराने वाले किसी नेटवर्क के संपर्क में आया? एटीएस इस पूरे मामले की परतें खोलने में जुटी है।

छांगुर बाबा पर कसा शिकंजा 

धर्मांतरण रैकेट के सरगना छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन और पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बलरामपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने छांगुर बाबा और उसके गिरोह के सदस्यों की अवैध रूप से कब्ज़ा की गई सरकारी ज़मीन पर बनी संपत्तियों पर बुलडोज़र चला दिया।

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंगलवार को कहा कि प्रारंभिक जाँच से साफ़ पता चलता है कि आरोपियों की गतिविधियाँ न केवल समाज विरोधी हैं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। ऐसे अपराधियों की संपत्ति ज़ब्त की जाएगी और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि छांगुर बाबा को एटीएस ने शनिवार को उसकी सहयोगी नीतू उर्फ ​​नसरीन के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों बलरामपुर के मधपुर के रहने वाले हैं। छांगुर बाबा के खिलाफ पहले से ही गैर-जमानती वारंट जारी था और उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था। कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को रिमांड पर लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया। इससे पहले इसी मामले में दो और आरोपियों जमालुद्दीन और जलालुद्दीन के बेटे महबूब को 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

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