PM Modi On Unclaimed money: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार विस्तार से बताया कि उनकी सरकार देश के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में वर्षों से पड़े अनक्लेम्ड पैसों (दावा रहित धन) को उनके सही हकदारों तक पहुंचाने के मिशन पर तेजी से काम कर रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में लंबे समय से यह धारणा बनी हुई है कि अगर कोई रकम सरकार के पास चली गई, तो वह कभी वापस नहीं आती. लेकिन केंद्र सरकार इस सोच को बदलने की दिशा में बड़े स्तर पर कदम उठा रही है, ताकि जनता और सरकार के बीच भरोसा मजबूत हो सके.
78,000 करोड़ अनक्लेम्ड धन बैंकों में पड़ा है – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर चौंकाने वाले आंकड़े साझा किए. उन्होंने बताया कि देश के बैंकों में नागरिकों का लगभग ₹78,000 करोड़ अनक्लेम्ड पड़ा है. इसके अलावा, इंश्योरेंस कंपनियों में करीब ₹14,000 करोड़, म्यूचुअल फंड में लगभग ₹3,000 करोड़, और डिविडेंड के तौर पर करीब ₹9,000 करोड़ दावा रहित पड़ा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह धन मुख्य रूप से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से जुड़ा है, जिनके असली हकदार अक्सर भूल चुके हैं कि उनका पैसा कहीं अटका हुआ है. सरकार अब ऐसे सभी फंड्स को खोजकर उनके मालिकों तक पहुंचाने के अभियान में लगी हुई है.
500 से अधिक जिलों में लगाए गए विशेष कैंप
इसके लिए सरकार देशभर में विशेष कैंप आयोजित कर रही है. पीएम ने बताया कि अब तक 500 से अधिक जिलों में ऐसे कैंप लगाए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से हजारों करोड़ रुपये उनके सही हकदारों को वापस लौटाए जा चुके हैं. यह पहल दर्शाती है कि जब सरकार और जनता के बीच विश्वास मजबूत होता है, तो परिणाम भी उतने ही सकारात्मक होते हैं. मोदी ने इसे अपनी सरकार की पारदर्शिता और जनसेवा की प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया.
सरकार ने किए कई जरूरी सुधार – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने “अविश्वास की पुरानी व्यवस्था” को खत्म करने के लिए कई जरूरी सुधार किए हैं. उन्होंने याद दिलाया कि पहले नागरिकों को अपने ही दस्तावेज़ों पर सरकारी अधिकारी से प्रमाणित करवाना पड़ता था, जबकि अब सेल्फ-अटेस्टेशन को पर्याप्त माना जाता है. यह बदलाव सरकार की जनता पर भरोसा जताने की पहल है.
37 लाख करोड़ का गारंटी-फ्री लोन देशवासियों को मिला
इसके साथ ही पीएम मोदी ने मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए बताया कि पहले छोटे-से-छोटे लोन के लिए भी बैंक गारंटी की आवश्यकता होती थी, जो गरीब और छोटे व्यवसायियों के लिए मुश्किल होती थी. लेकिन उनकी सरकार ने इस अविश्वास के चक्र को तोड़ते हुए मुद्रा योजना के तहत अब तक ₹37 लाख करोड़ का गारंटी-फ्री लोन देशवासियों को दिया है. इससे युवाओं और छोटे व्यापारियों में उद्यमिता की भावना मजबूत हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ठेले-पटरी वालों तक को बिना गारंटी बैंक से ऋण मिल रहा है, जो आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव है.