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Annapurna Mata Vrat Katha: अन्नपूर्णा जयंती आज, जरूर पढ़ें यह व्रत कथा

Annapurna Mata Vrat Katha: आज का दिन बहुत खास है, आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है. इस दिन पढ़ें मां अन्नपूर्णा की व्रत कथा.

By: Tavishi Kalra | Published: December 4, 2025 8:50:50 AM IST



Annapurna Mata Vrat Katha: हर साल मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी तिथि पर माता पार्वती ने देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप लिया था. इसलिए इस दिन को मां अन्नपूर्णा अवतरण दिवस के तौर पर भी मनाय जाता है.

आज का दिन बहुत खास है. आज अन्नपूर्णा जयंती यानि गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 को मनाई जा रही है. इस दिन देवी अन्नपूर्णा के लिए व्रत किया जाता है. अगर व्रत ना भी कर सकें तो इस दिन मां अन्नपूर्णा की व्रत कथा जरूर पढ़ें. अन्न के बिना हमरा जीवन संभव नहीं है, इसलिए हमें इस दिन और हर दिन मां अन्नपूर्णा का आभार व्यक्त करना चाहिए. मां अन्नपूर्णा की कृपा से संसार के हर प्राणी को भोजन प्राप्त होता है.

अन्नपूर्णा जयंती की पौराणिक कथा (Annapurna Mata Vrat Katha in Hindi)

पौराणिक व धार्मिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि, यह संपूर्ण संसार केवल माया है. शिवजी ने कहा कि, भोजन-अन्न सबकुछ माया है. इसलिए किसी भी व्यक्ति के लिए शरीर और अन्न कोई विशेष महत्व नहीं रखता है. लेकिन माता पार्वती भगवान शिव की इस बात ये सहमत नहीं हुईं, बल्कि उन्हें शिव के इस कथन में अन्न के अपमान का अहसास हुआ, जिस कारण पार्वती जी निराश हो गईं और उन्होंने सारा अन्न गायब कर दिया, जिससे संसार में अन्न का संकट आ गया.

धरती में अन्न की कमी होने से सभी प्राणी भूख से व्याकुल होने लगे, चारों ओर हाहाकार मच गया. इसलिए बाद माता पार्वती के देवी अन्नपूर्णा का अवतार लिया. उनके एक हाथ में अक्षय पात्र था, जिसमें कभी समाप्त न होने वाला भोजन था. धरतीवासियों की रक्षा के लिए शिव देवी अन्नपूर्णा के पास पहुंचे और उनसे भोजन मांगा. साथ ही शिव ने यह भी स्वीकार किया कि, शरीर और अन्न दोनों का अस्तित्व संसार में विशेष महत्व रखता है. इसके बाद देवी अन्नपूर्णा ने शिव को अपने अक्षय पात्र से अन्न का दान दिया, जिसे शिवजी ने पृथ्वीवासियों में बांट दिया और इस प्रकार पृथ्वी से अन्न के अकाल की समस्या खत्म हुई.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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