Mutual Fund: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए एक नया इंसेंटिव सिस्टम लागू किया है. इसके तहत अब डिस्ट्रीब्यूटर्स को B-30 शहरों से नए रिटेल इन्वेस्टर्स या देश के किसी भी शहर से नई महिला इन्वेस्टर्स को म्यूचुअल फंड में जोड़ने पर ज़्यादा कमीशन मिलेगा. B-30 शहर वे हैं जो देश के टॉप 30 शहरों की लिस्ट से बाहर हैं और इनमें मीडियम और छोटे शहर शामिल हैं जहां इन्वेस्टमेंट की पहुंच अभी भी सीमित है. SEBI ने कहा कि इस बदलाव का मकसद इन छोटे शहरों में इन्वेस्टमेंट अवेयरनेस बढ़ाना और महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करना है.
आखिर कब से लागू होगा नया नियम? जानिए पूरी जानकारी
1 फरवरी 2026 से नए नियम लागू होंगे. इस व्यवस्था के तहत, एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) डिस्ट्रीब्यूटर्स को पहले एकमुश्त इन्वेस्टमेंट का 1% तक या पहले साल की SIP रकम के आधार पर ज़्यादा से ज़्यादा ₹2,000 तक का एक्स्ट्रा बोनस दे सकेंगी. यह बोनस तभी मिलेगा जब इन्वेस्टर कम से कम एक साल तक इन्वेस्टमेंट बनाए रखेगा. यह कमीशन डिस्ट्रीब्यूटर्स को उनके नॉर्मल कमीशन के ऊपर दिया जाएगा यानी उनकी पिछली कमाई के अलावा.
किसे extra कमीशन दिया जाएगा?
SEBI ने साफ किया कि यह एक्स्ट्रा कमीशन उन्हीं फंड से दिया जाएगा जो AMC पहले से ही इन्वेस्टर एजुकेशन और जानकारी के लिए रिजर्व रखते हैं. SEBI ने पहले B-30 शहरों से नए इन्वेस्टर को अट्रैक्ट करने के लिए एक इंसेंटिव स्ट्रक्चर बनाया था लेकिन इंडस्ट्री से मिले फ़ीडबैक और गलत इस्तेमाल की चिंताओं के आधार पर इसमें बदलाव किए गए हैं.
SEBI का मानना है कि छोटे शहरों और महिलाओं के बीच इन्वेस्टमेंट बढ़ाने में डिस्ट्रीब्यूटर अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए उन्हें एक्स्ट्रा इंसेंटिव देकर नए इन्वेस्टर को आकर्षित करने के लिए और बढ़ावा दिया जाएगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कदम म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को अगले लेवल पर ले जा सकता है खासकर उन एरिया में जहां इन्वेस्टमेंट कम हुआ है. इस बदलाव से इन्वेस्टर बेस और बढ़ेगा और डिस्ट्रीब्यूटर के लिए कमाई के नए मौके बनेंगे.