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बैंक फ्रॉड का पर्दाफाश, खातों से पैसा निकालने वाले ‘गद्दार’ मैनेजरों पर पुलिस ने कसा शिकंजा

हाल के दिनों में, बैंकों के भीतर से धोखाधड़ी (Fraud Cases) के कई मामले सामने लगातार आए हैं, जहां बैंक अधिकारियों, विशेषकर मैनेजरों (Bank Manager) द्वारा ग्राहकों के खातों से पैसे निकालने की खबरें आई है.

By: DARSHNA DEEP | Published: November 28, 2025 1:31:41 PM IST



Fraud Bank Manager:  देश के विभिन्न बैंकों में हुए एक बड़े घोटाले का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. जहां, बैंक मैनजरों ने अपनी पद की शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हुए उन खातों से अवैध रूप से पैसे निकाले जो लंबे समय से बेहद ही निष्क्रिय थे. तो वहीं, पुलिस और नियामक एजेंसियां अब ऐसे धोखाधड़ी करने वाले मैनेजरों के खिलाफ तेज़ी से शिकंजा कसा जा रहा है. और पुलिस की टीम लगातार आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है.

आरोपी कैसे करते थे धोखाधड़ी?

आरोपी बैंक अधिकारी उन खातों को ज्यादातर निशाना बनाया करते थे जो लंबे समय से बंद हो चुके थे. इसके साथ ही इन खातों की निगरानी भी कम की जाती थी, जिससे धोखाधड़ी का पता काफी देर से ही पता चलता था.

अधिकारों का लगातार किया दुरुपयोग

इतना ही नहीं, यहां तक की बैंक मैनेजर और रिलेशनशिप मैनेजर अपने पद और सिस्टम एक्सेस का लगातार दुरुपयोग करके फर्जी दस्तावेज़ों, ओटीपी मैनिपुलेशन और सीधे ग्राहकों के पैसे को अपने खातों में निवेश करना बेहद ही आसानी से करना जानते थे. 

बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर की गिरफ्तारी

अभी हाल ही के मामले में पुलिस की टीम ने एक आईसीआईसीआई बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. जिसने ग्राहकों के लगभग 4.58 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को 110 खातों से निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर दिया था. इसके अलावा उसने ओटीपी को अपने सिस्टम पर रीडायरेक्ट करने का एक बड़ा ही अनोखा तरीका अपनाया था, जिससे खाताधारकों को भनक तक नहीं लगी थी. इसका खुलासा तब हुआ जब  शेयर बाजार में घाटा होने की वजह से वह वापस नहीं डाल पाई थी. 

कहां तक पहुंची पुलिस की आगे की जांच पड़ताल 

ऐसी घटनाओं के सामने आने पर, पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी बैंकों को केवल क्रेडिट रिस्क पर ही नहीं, बल्कि ऑपरेशनल रिस्क जैसे साइबर फ्रॉड, म्यूल अकाउंट्स और सिस्टम फेलियर पर भी ध्यान देने के लिए सख्त से सख्त आदेश दिए हैं. 

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