Epstein Files Controversy Latest Update: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के एक बड़े फैसले ने अमेरिका की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है. इसकी जद में अन्य देशों के नामी-चर्चित लोग भी आ सकते हैं. पिछले सप्ताह ही US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद जेफरी एपस्टीन के यौन अपराधों से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक की जाएंगी. एपस्टीन पर 19 वर्ष की कम उम्र की लड़कियों के यौन शोषण के आरोप थे. यह अलग बात है कि यौन अपराधों से घिरे एपस्टीन की मौत जेल में हो गई थी, जबकि ट्रायल का सामना कर रहे थे. इसके बाद यह मामला सालों तक दबा रहा. दावा किया जा रहा है कि ‘एपस्टीन फाइल्स’ में ना केवल कई राजनेताओं के नाम हैं, बल्कि इसमें अमेरिका के कई रसूखदार अधिकारियों के नामों का भी जिक्र हैं. जाहिर है इसके बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है. इस स्टोरी में हम बात करेंगे ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ की और इसके जरिये होने वाले सनसनीखेज संभावित खुलासों की.
किंग चार्ल्स के भाई और पॉप स्टार माइकल जैक्सन का भी नाम
अमेरिका मीडिया के मुताबिक, जेफरी एपस्टीन की प्रॉपर्टी से 20,000 से ज़्यादा पेज के डॉक्यूमेंट्स को रिलीज किया गया है. इस बीच BBC की एक लिस्ट के मुताबिक, एपस्टीन फाइल्स में डोनाल्ड ट्रंप और उनके पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन के अलावा पूर्व शाही एंड्रयू माउंटबेटन विंडसर का नाम भी है. इसमें किंग चार्ल्स के भाई और पॉप स्टार माइकल जैक्सन जैसे हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं. अपने समय में माइकल जैक्सन भी बच्चों के साथ यौन शोषण के आरोपों से घिरे थे. यह लिस्ट बहुत ही लंबी है. दावा किया जा रहा है कि एपस्टीन की ईमेल से मिली फाइलों में कई लोगों का ज़िक्र है, लेकिन उनमें से कई पर गलत काम करने का आरोप नहीं है यानी ऐसे लोग यौन शोषण के आरोपों से मुक्त हैं. इसका मतलब वो सिर्फ जेफरी एपस्टीन से संबंध रखते थे, लेकिन इस सेक्स स्कैंडल में उनकी संलिप्तता नहीं मिली है.
क्या एपस्टीन के संपर्क में थे हरदीप सिंह पुरी
वहीं, हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर या इस पर कोई कमेंट करने से मना कर दिया कि क्या वह एपस्टीन को किसी भी तरह से जानते थे. यूनियन ऑयल एंड गैस मिनिस्टर हरदीप पुरी पर भी आरोप है कि वह 19 सितंबर, 2014 को UN जनरल असेंबली और क्लाइमेट समिट के दौरान एपस्टीन के संपर्क में थे. वहीं, केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे ‘फर्जी दावा और रैंडम नाम लेना’ कहकर खारिज कर दिया है. BJP के इन्कार और पलटवार के बावजूद यह मामला भारत में भी तूल पकड़ सकता है. संसद का शीतकालीन सत्र अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह काफी बवाल भी पैदा कर सकता है. भारत में भी विपक्ष को यह बड़ा मुद्दा दे सकता है. यहां पर बता दें कि भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी दिल्ली, कोलंबो और जिनेवा में कई सीनियर पदों पर काम करने के बाद यूनाइटेड नेशंस में इंडिया के परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव थे. वह फरवरी, 2013 में न्यूयॉर्क में UNPR पद से रिटायर हुए थे. वह पिछले कई सालों से मोदी कैबिनेट में अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं.
क्या है एपस्टीन फाइल्स में?
जानकारों की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप ने ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ पर हस्ताक्षर करके एक तरह से ऐतिहासिक निर्णय लिया है. यह भी कहा जा रहा है कि इसमें कई ऐसे नाम भी सामने आ सकते हैं, जिसकी वजह से देश-दुनिया में बड़ा धमाका हो सकता है. दरअसल, एपस्टीन फाइल्स (Epstein Files) अदालती दस्तावेजों का संग्रह है. इसमें वर्जीनिया रॉबर्ट्स ग्यूफ्रे के जरिये एक दशक पहले यानी वर्ष 2015 में घिस्लेन मैक्सवेल के खिलाफ दायर मानहानि केस से जुड़े हैं. बहुत लोग लोगों को जानकारी होगी कि जनवरी, 2024 में जारी बैच में करीब 200 लोगों के नामों का जिक्र है. इनमें कई नामी शख्सियत हैं. इनमें भी ज्यादातर का नाम सिर्फ संदर्भ के रूप में दर्ज है. वह भी प्रत्यक्ष अपराध के साक्ष्य के रूप में. यह भी दावा किया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में यानी एपस्टीन फाइल्स में फ्लाइट कोर्ट मोशन के साथ-साथ लॉग्स, ईमेल्स और गवाहों के बयान से जुड़ी जैसी जानकारियां शामिल हैं. ऐसे में इसका खुलासा होगा तो हड़कंप मचना तय है.
2025 में क्या हुआ नया?
सवाल यह है कि एक दशक बाद यह मामला चर्चा में क्यों आया? हुआ यूं कि इस मामले में अमेरिकी कांग्रेस एक्टिव हुई. अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी ओर से पहल करते हुए हुए एपस्टीन की संपत्ति से जुड़े नए ईमेल्स और बैंक दस्तावेज मांगे. हैरत की बात यह है कि इनमें 20 से अधिक बैंकों के रिकॉर्ड भी शामिल हैं. इनमें लेनदेन के आंकड़े भी चौंकाने वाले हो सकते हैं. अमेरिकी कांग्रेस की मांग के बाद 2025 में एपस्टीन फाइल्स में कई नई कार्रवाई हुई. आखिरकार पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ओर से साहसिक पहले करते हुए अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को निर्देश दे डाला. इसमें कहा गया कि सार्वजनिक व्यक्तियों के एपस्टीन से संभावित संबंधों की जांच आगे बढ़ाएं, इनमें बिल क्लिंटन समेत कई नामी दिग्गजों के नाम शामिल हैं. इनमें कई राजनेता तो हैं ही साथ ही उद्योग और अन्य क्षेत्रों से जुड़े दिग्गजों का नाम सामने आ सकता है. अब फाइल्स के सार्वजनिक होने के बाद यह मामला और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है. इसे संभालना डोनाल्ड ट्रंप के लिए आसान नहीं होगा, जो पहले आर्थिक मोर्चों पर अपनों के साथ-साथ गैरों से भी घिरे हैं.
एपस्टीन के करीबियों-सहयोगियों पर नजर
‘एपस्टीन फाइल्स’ मामले में नया ट्विस्ट तब आया जब डेमोक्रेटिक ओवरसाइट कमेटी (Democratic Oversight Committee) ने इससे जुड़ा तीसरा डॉक्यूमेंट बैच जारी किया. यह काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि इसमें दुनिया के नामी उद्योगपति एलन मस्क (businessman and entrepreneur Elon Reeve Musk) के अलावा स्टीव बैनन और पीटर थिएल जैसे बड़े नामों का जिक्र है. इसके अलावा इस मामले में पीड़िताओं ने खुद भी एक क्लाइंट लिस्ट तैयार की घोषणा की है. इसमें एपस्टीन के सहयोगियों के साथ संदिग्ध संपर्कों का जिक्र किया जाएगा.
जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein)
दुनिया के सबसे बड़े स्कैंडल में सबसे नामी किरदार थे जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein). अब वह इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मौत जेल में रहने के दौरान हुई. जेफरी एपस्टीन दरअसल, अमेरिकी फाइनेंशियर थे. इन पर नाबालिग लड़कियों के शोषण का आरोप है. आरोप यह भी है कि जेफरी एपस्टीन सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क चलाते थे. अमेरिका में बड़े फाइनेंसर होने के चलते उनका रुतबा था. वह अपने इसी रुतबे के चलते राजनीतिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों के साथ-साथ बिजनेस और विज्ञान से जुड़े कई प्रभावशाली लोगों के संपर्क में थे. इसके अलावा दिखावे के तौर पर वह अमेरिका में सामाजिक रूप से भी जुड़े रहते थे. आरोपों के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. वर्ष 2019 में कोर्ट में ट्रायल का इंतजार करते समय एपस्टीन की जेल में मौत हो गई. इसमें हैरानी की बात यह है कि आधिकारिक तौर पर इसे आत्महत्या बताया गया था. एपस्टीन पर गंभीर आरोप थे, इसलिए उनकी मौत पर सवाल उठता रहा. पत्रकारों के साथ-साथ आम जन में यह चर्चा में रहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. लोगों ने इसे सामान्य मौत नहीं माना. पत्रकारों का मानना है कि वह पूछताछ के दौरान या फिर कोर्ट की ट्रायल के दौरान अगर टूट जाते तो कई नामों का खुलासा कर सकते थे. ऐसे में यह कई नामी लोगों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं रहता.
क्या फंसेंगे नामी लोग
Epstein Files Controversy को दुनिया का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें कई नामी लोग शामिल हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जेफरी एपस्टीन का बड़ा नाम था. उनसे नामी उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता और आर्थिक दुनिया से जुड़े लोग भी संबंध रखते थे. कहा जाता है कि वह अमेरिका के एलीट सामाजिक सर्कल का हिस्सा रहे. बड़े फाइनेंसर होने के चलते वह दान, राजनीतिक फंडिंग और निवेश सलाह के माध्यम से कई लोगों से जुड़े थे, इनमें कई हाई-प्रोफाइल शख्सियत भी थीं. अमेरिका के फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क राज्य में काफी नाम था. कहा जाता था कि उनका दायरा या कहें उनका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नेटवर्क बहुत बड़ा था. यही वजह थी कि वे नामी राजनेता और उद्योगपतियों के ना केवल संपर्क में रहते थे, बल्कि उनके बुलाये पर आयोजनों में भी देखे जाते थे. यह अलग बात है कि जेफरी एपस्टीन के संपर्क में रहने वाले नामी लोगों की संलिप्तता को लेकर अब तक कोई खास सबूत नहीं मिले हैं.
अब क्या होगा? किसकी बढ़ेगी मुश्किल?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ पर हस्ताक्षर करने के बाद अब जेफरी एपस्टीन के यौन अपराधों से जुड़ी फाइलें जारी की जाएंगी. जेफरी एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों के शोषण के आरोप थे. इन फाइलों में कई राजनेताओं और अधिकारियों के नाम हैं. नामों का खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन जैसे ही नाम सामने आए तो यह मामला और भी गंभीर हो जाएगा.
एपस्टीन फाइल्स में मशहूर लोगों के नाम
डोनाल्ड ट्रंप : US प्रेसिडेंट
बिल क्लिंटन : US के पूर्व प्रेसिडेंट
लैरी समर्स : पूर्व ट्रेजरी सेक्रेटरी और हार्वर्ड प्रेसिडेंट
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर : US हेल्थ सेक्रेटरी
पूर्व प्रिंस एंड्रयू, ड्यूक ऑफ यॉर्क: किंग चार्ल्स III के भाई
सारा फर्ग्यूसन : डचेस ऑफ यॉर्क
माइकल वोल्फ : जर्नलिस्ट, कॉलमिस्ट और लेखक
पेगी सीगल : पब्लिसिस्ट
नोम चोम्स्की : लिंग्विस्ट और प्रोफेसर
एलन डर्सोविट्ज़ : वकील
ग्लेन डबिन : हेज फंड मैनेजर
ईवा एंडरसन-डबिन : पूर्व मिस स्वीडन, ग्लेन डबिन की पत्नी
लेस वेक्सनर : L ब्रांड्स के फाउंडर
एबिगेल वेक्सनर : लेस वेक्सनर की पत्नी
कैथरीन रूम्लर : पूर्व व्हाइट हाउस काउंसल
एलोन मस्क : बिलियनेयर एंटरप्रेन्योर
पीटर थिएल : बिलियनेयर इन्वेस्टर
टॉम प्रिट्ज़कर : टाइकून और समाज-सेवी
जीन-ल्यूक ब्रुनेल : पूर्व मॉडलिंग एजेंट
फ्रेडरिक फेक्काई : सेलिब्रिटी हेयरस्टाइलिस्ट
एलेक्जेंड्रा फेक्काई : फ्रेडरिक फेक्काई के बेटे
माइकल जैक्सन : पॉप स्टार
लियोनार्डो डिकैप्रियो : एक्टर
मिक जैगर : रोलिंग स्टोन्स के फ्रंटमैन
कोर्टनी लव : सिंगर
नाओमी कैंपबेल : मॉडल
क्रिस टकर : एक्टर/कॉमेडियन
मार्ला मेपल्स : डोनाल्ड ट्रंप की पूर्व पत्नी
टिफ़नी ट्रंप: डोनाल्ड ट्रंप और मार्ला मेपल्स की बेटी
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