Haryana News: हरियाणा के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह के एक बयान पर विवाद बढ़ गया है. कुछ दिनों पहले डीजीपी ओपी सिंह थार और बुलेट को लेकर बयान दिया था. बयान में उन्होंने कहा था कि सारे बदमाश थार और बुलेट से सारे बदमाश चलते हैं. जिसके पास भी थार होगी, उसका दिमाग घुमा हुआ होगा. उनके इस बयान पर एक थार मालिक ने लीगल नोटिस भेजा है.
दरअसल, डीजीपी ओपी सिंह के बयान से थार मालिक इतने आहत हो गए कि उन्होंने लीगल नोटिस भेज दिया. लीगल नोटिस में थार मालिक ने डीजीपी से 15 दिनों में माफी मांगने की डिमांड की है. थार मालिक का आरोप है कि बयान के बाद लोगों ने ताने मारने शुरू कर दिए हैं.
किसने भेजा डीजीपी ओपी सिंह को लीगल नोटिस?
गुरुग्राम के सेक्टर-102 के रहने वाले सर्वमित्र ने अपने एडवोकेट के जरिए डीजीपी को लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने अपने नोटिस में लिखा कि 30 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत देकर थार गाड़ी खरीदी थी. लेकिन, अब डीजीपी के बयान के बाद उन्हें ताने सुनने पड़ रहे हैं.
साथ ही सर्वमित्र ने डीजीपी के बयान को अपमानजनक, मजाक उड़ाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्तेदारों, पड़ोसियों और जान-पहचान वालों के बीच तनाव झेलना पड़ रहा है. सर्वोमित्र ने बताया कि उनका एक बेटा पढ़ता है और दूसरा नौकरी करता है और अब लोग उन्हें भी चिढ़ाने लगे.
डीजीपी ओपी सिंह का थार और बुलेट पर ये था पूरा बयान
बता दें कि बीते 8 नवंबर को गुरुग्राम में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने थार और बुलेट पर बयान देते हुए कहा था कि सारे बदमाश थार और बुलेट से सारे बदमाश चलते हैं. जिसके पास भी थार होगी, उसका दिमाग घुमा हुआ होगा. जैसे थार गाड़ी नहीं, एक स्टेटमेंट है. ठीक है फिर भुगतो जी. दोनों मजे थोड़ा ना होंगे, दादागिरी भी हो और फंसे भी ना.
गौरतलब है कि डीजीपी ओपी सिंह के थार और बुलेट वाले बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई थीं. हरियाणा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उनके बयान पर सवाल उठाए थे. साथ ही अपनी और मनोहर लाल खट्टर की फोटो शेयर करते हुए सीएम नायब सैनी को टैग किया था.
व्यक्ति की पहचान को गाड़ी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए- दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला ने फोटो के साथ डीजीपी का बयान लिखा था कि थार और बुलेट से बदमाश चलते हैं. साथ ही पूछा था कि ‘डीजीपी साहब! क्या ये भी?’ उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति की पहचान को उसकी गाड़ी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
अब देखना दिलचस्प होगा कि डीजीपी ओपी सिंह का लीगल नोटिस मिलने के बाद क्या रिएक्शन रहता है.