Donald Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को 14 देशों पर टैरिफ का ऐलान किया। जिसके बाद से दुनिया भर में हंगामा मच गया। टैरिफ के ऐलान के बाद ट्रंप ने इन सभी 14 देशों को पत्र भेजे। डोनाल्ड ट्रंप ने म्यांमार और लाओस पर सबसे ज्यादा 40 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की है। वहीं ट्रंप अपने मित्र मुल्क जापान और दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। बताया गया है कि टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे। जापान और दक्षिण कोरिया को सबसे पहले मिले पत्र जापान और दक्षिण कोरिया को ये पत्र 7 जुलाई को भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे के बाद सबसे पहले मिले। ट्रंप ने इन पत्रों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर शेयर किया और दोनों देशों से आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की।
Trump ने Tariff का क्या दिया लॉजिक?
जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका के करीबी एशियाई सहयोगी हैं। ट्रंप ने 25% टैरिफ लगाने का कारण उनके साथ लंबे समय से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को बताया। मलेशिया और कजाकिस्तान अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा और औद्योगिक धातु निर्यात करते हैं। उन पर भी 25% टैरिफ लगाया गया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि दिन के दौरान और पत्र भेजे जाएंगे। कुछ मिनट बाद ट्रंप ने मलेशिया, कजाकिस्तान, म्यांमार, लाओस और दक्षिण अफ्रीका को भेजे गए पांच और पत्र साझा किए। इसके बाद ट्यूनीशिया को भी 25% टैरिफ वाला पत्र मिला।
किस देश पर कितना Tariff?
- म्यांमार और लाओस: 40%
- कंबोडिया: 36%
- बांग्लादेश और सर्बिया: 35%
- इंडोनेशिया: 32%
- बोस्निया और हर्जेगोविना, दक्षिण अफ्रीका: 30%
- ट्यूनीशिया, मलेशिया, कजाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, जापान: 25%
- थाईलैंड: 36%
भारत को भी मिल सकता है पत्र
अपने सभी 14 पत्रों में ट्रंप ने प्रतिशोधी टैरिफ लगाने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने लिखा, ‘यदि आप किसी भी कारण से अपने टैरिफ बढ़ाते हैं, तो आपके द्वारा बढ़ाया गया टैरिफ हमारे द्वारा लगाए गए टैरिफ में जुड़ जाएगा।’व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप अलग-अलग देशों के लिए खास तौर पर व्यापार योजनाएं बना रहे हैं, जो अमेरिकियों के हित में होंगी। करीब 12 और देशों को पत्र मिलेंगे। ये पत्र ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए जाएंगे।’इस बीच खबर है कि भारत को भी आज ट्रंप का टैरिफ पत्र मिल सकता है, हालांकि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं।
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