मानवता के खिलाफ अपराध क्या हैं?
मानवता के खिलाफ अपराध वे अपराध हैं जो न सिर्फ़ लोगों को दर्द देते हैं बल्कि पूरी सभ्यताओं की नींव भी हिला देते हैं. इन अपराधों को इंटरनेशनल कानून के तहत सबसे गंभीर अपराध माना जाता है. इनका दायरा इतना बड़ा है कि ये युद्ध की स्थिति और शांतिपूर्ण माहौल दोनों में हो सकते हैं. टारगेटेड किलिंग, टॉर्चर, ज़बरदस्ती हटाना, रेप, दमन और नस्ल या राजनीतिक आधार पर हिंसा, ये सभी इंसानियत के खिलाफ अपराध हैं.
कोर्ट ने शेख हसीना को दोषी क्यों पाया?
अब जानें कि कोर्ट ने शेख हसीना को दोषी क्यों पाया हैं, तो इसकी वजह है कि दुनिया भर के कई देशों ने रोम कानून के ज़रिए यह तय किया है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करना पूरे इंटरनेशनल सिस्टम की ज़िम्मेदारी है, सिर्फ़ एक देश की नहीं. कल, बांग्लादेश में स्पेशल इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को इंसानियत के खिलाफ अपराधों का दोषी पाया. फैसले में कहा गया कि उनके आदेश पर, सिक्योरिटी फोर्स ने बिना हथियार वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ लाइव एम्युनिशन, ड्रोन और दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. कोर्ट ने दलील दी कि यह कार्रवाई रैंडम नहीं थी बल्कि प्लान की हुई थी, और इसे रोकने के लिए हसीना खुद ज़िम्मेदार थीं. इसलिए, उन्हें हिंसा भड़काने और आम लोगों को मारने के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया गया.
मानवता के खिलाफ अपराधों की गंभीरता सिर्फ कोर्ट तक ही सीमित नहीं है. ये आरोप किसी देश की इंटरनेशनल इमेज, डिप्लोमैटिक रिश्तों और पॉलिटिकल स्टेबिलिटी को गहरा झटका देते हैं. इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल पीड़ितों को न्याय दिलाने में एक्टिव रहते हैं, जो दिखाता है कि कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो, ऐसे अपराधों के बाद कोई भी कानून से ऊपर नहीं रह सकता.