Bangladesh Latest News : भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही इस्लामी कट्टरता अपने चरम पर है। वहां पर लगातार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। मोहम्मद यूनुस की सरकार भी इसको रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। अब खबर सामने आ रही है कि वहां इस्लामी समूह जमात चार मोनाई के नेता और इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के प्रमुख मुफ़्ती सैयद मुहम्मद फैज़ुल करीम ने बड़ा ऐलान किया है।
करीम ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी अगली सरकार बनाती है तो वह तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान की तर्ज पर बांग्लादेश में शासन चलाएंगे और पूरे देश में शरिया कानून लागू करेंगे।
बांग्लादेश में शरिया कानून लागू होगा!
एक इंटरव्यू के दौरान करीम ने कहा कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतती है और सरकार बनाती है तो इस्लामिक मूवमेंट बांग्लादेश में शरिया कानून लागू करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम ईरान के मॉडल पर भी चलेंगे। दुनिया में कहीं से भी जो अच्छा होगा हम ले लेंगे। हम अमेरिका, इंग्लैंड, रूस का मॉडल भी अपनाएंगे, बशर्ते वह शरिया के खिलाफ न हो।
हिंदुओं को भी अधिकार मिलेंगे…
चुनाव जीतने के बाद बांग्लादेश में शरिया कानून लागू करने के अलावा करीम ने कहा कि, हम जो शरिया कानून लागू करेंगे, उसमें हिंदुओं को भी अधिकार मिलेंगे। अल्पसंख्यकों के अधिकारों को भी लागू किया जाएगा।
शरिया कानून पर अवामी लीग का यूनुस पर निशाना
आवामी लीग ने करीम के बयान की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा है कि यह चेतावनी इस्लामी समूहों द्वारा लोकतांत्रिक मानदंडों को खत्म करने, धार्मिक संहिताओं को लागू करने, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने के लिए दी गई है। आवामी लीग ने यहां यूनुस पर निशाना साधा।
आवामी लीग के बयान में कहा गया है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की चुप्पी बेहद चिंताजनक है। क्या यह उदासीनता है या मौन मिलीभगत?
आवामी लीग ने हिंदू मंदिरों पर हमले, धार्मिक समारोहों में व्यवधान और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती धमकियों सहित सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि की ओर इशारा किया है। पार्टी ने शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद से अनियंत्रित उग्रवाद को रोकने में विफल रहने के लिए यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को दोषी ठहराया।