Delhi Blast: दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट कोई छोटी मोटी साजिश नहीं है बल्कि इस बलास्ट ने कई मासूमों की जान ली और ये शातिराना चाल है. दरअसल, दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए बम विस्फोट के पीछे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक नए सफेदपोश आतंकवादी मॉड्यूल का बड़ा पर्दाफाश हुआ है. जानकारी के मुताबिक इस मॉड्यूल में डॉक्टर, प्रोफेसर और महिला सदस्य शामिल थीं, जो पाकिस्तानी आकाओं के सीधे संपर्क में थे. हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है कि ये नेटवर्क चिकित्सा पेशेवरों और शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में कांड कर रहे थे और हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर सहित कई इलाकों से जुड़ा था.
यहां बना था ग्रुप
लेकिन क्या आप जानते हैं इस गरोह की शुरुआत कहां से और कैसे हुई है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसकी शुरुआत 4 अक्टूबर को, विस्फोट से 37 दिन पहले, सहारनपुर में एक शादी समारोह में हुई थी. इसके बाद इस समूह ने सैनिकों को धमकाने वाले पोस्टर तक बांटें. इतना ही नहीं बल्कि हथियारों, विस्फोटकों और धन का एक नेटवर्क विकसित करना शुरू कर दिया. जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को इस मॉड्यूल के सक्रिय होने का सुराग 19 अक्टूबर को कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर दिखने पर मिला. वहीं जांच से इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस नेटवर्क की सबसे अहम महिला सदस्य डॉ. शाहीन सईद थी, जो जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से सीधे संपर्क में थी.
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4 अक्टूबर से हुआ कांड
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस ब्लास्ट की जांच के दौरान पता चला कि यह मॉड्यूल 4 अक्टूबर को सक्रिय हुआ, जब डॉ. आदिल ने सहारनपुर में डॉ. रुकैया से शादी की. इस शादी में कुछ “खास मेहमान” बुलाए गए थे, जिनकी पहचान एजेंसियों द्वारा की जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि इस मॉड्यूल ने शादी के अगले दिन ही अपनी नापाक हरकतें शुरू कर दी थीं. इसका उद्देश्य सैनिकों को धमकाने वाले पोस्टर लगाना, हथियारों की आपूर्ति का प्रबंध करना और वित्तीय सहायता प्रदान करना था.
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