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Garunda Purana: गरुड़ पुराण में मृत्यु के बारे में क्या लिखा है? जानें यहां

Garunda Purana: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का खास महत्व है. ये 18 महापुराणों में से एक है और ये एक महाग्रंथ भी है. जिसमें मृत्यु के सफर के बारे में बताया गया है. तो आइए जानते हैं कि इसमें मृत्यु के किस रहस्य के बारे में बताया गया है?

By: Shivi Bajpai | Last Updated: November 11, 2025 4:42:53 PM IST



Garunda Purana: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों (Mahapurana) में से एक है. ये एक महाग्रंथ है. गरुड़ पुराण (Garunda Purana)एक दिव्य ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु के बारे में सारी जानकारी दी गई है. जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, पाप-पुण्य और पुनर्जन्म के रहस्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है. 

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के कई रहस्यों के बारे में बताया गया है. मृत्यु के बाद आत्मा में क्या होता है, मनुष्य के हर कर्मों के हिसाब के बारे में और कितने दिन आत्मा प्रेत अवस्था में रहती है, पाप-पुण्य का क्या हिसाब होता है. 

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गरुड़ पुराण में मृत्यु के कौन-से रहस्य लिखे हैं? 

  • गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु शरीर का अंत है, आत्मा का नहीं. आत्मा अमर होती है और वो उसे कर्मों के अनुसार फल की प्राप्ति होती है.
  • मृत्यु के 13 दिन के बाद आत्मा प्रेत अवस्था में रहती है. इन दिनों में उसे सूक्ष्म शरीर में भूख-प्यास, पीड़ा महसूस होती है.
  • यमदूत और आत्मा की यमलोक यात्रा होती है और यमदूत आत्मा को ले जाते हैं.
  • ’16 योजन’ यानि लगभग 200 किमी प्रतिदिन की यात्रा करते हुए आत्मा 47 दिन में यमलोक पहुंचती है. इस दौरान आत्मा अपने कर्मों के फल के रूप में दुख-सुख झेलती है.
  • पाप-पुण्य का लेखा जोखा यमलोक में यमराज के लेखपाल चित्रगुप्त के पास होता है. वो आत्मा के सारे पाप-पुण्य के बारे में बताते हैं. 

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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