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दिल्ली में सिरकटी लाश, जानें कहा रहता था 16 साल पुराने मर्डर केस का मुख्य आरोपी?

राजधानी दिल्ली में 16 साल पहले हुए सनसनीखेज वारदात में शामिल मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. साल 2009 में बिंदापुर के इलाके में सिरकटी लाश मिली थी जिससे चारों तरफ सनसनी फैल गई थी.

By: DARSHNA DEEP | Last Updated: November 10, 2025 5:58:32 PM IST



Delhi Crime News: राजधानी दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को सन्न कर दिया. एक लोहे के बक्से में सिरकटी लाश के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. आखिर क्या है पूरा मामला और आरोपी कैसे 16 सालों तक फरार चल रहा था जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.

दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता 

यह चौंकाने वाली घटना करीब 16 साल पुरानी है. यह वारदात साल 2009 की है. जब दिल्ली के बिंदापुर इलाके में एक लोहे के बक्से में एक व्यक्ति का सिरकटा शव मिला था. इस घटना के बाद से चारों तरफ इलाके में सनसनी फैल गई थी. मृतक की पहचान हरीश चंद उर्फ बबलू के रूप में हुई थी. यह मामला लंबे समय तक अनसुलझा रहा, लेकिन आखिरकार पुलिस ने इसके एक मुख्य आरोपी को गुजरात के सुरत से आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया. 

आखिर क्या था सनसनीखेज मामला?

यह वारदात 16 साल पहले की है, यानी 5 जनवरी साल 2009 को दिल्ली के बिंदापुर में एक बक्से के अंदर बिना सिर की लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था. पुलिस की जांच में यह सामने निकलकर आया कि मृतक हरीश चंद का उसके रिश्तेदार बनारसी लाल से पैसों को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा था. इसी झगड़े की वजग से बनारसी लाल ने अपने साथी आशिक अली के साथ मिलकर हरीश को मौत के घाट उतार दिया था. वारदात को अंजाम देने के बाद शव को टुकड़ों में बांटा फिर सिर और शरीर को अलग-अलग जगह फेंक दिया, ताकि कोई मृतक की पहचान नहीं कर सके. 

पुलिस ने आरोपी को कैसे किया गिरफ्तार?

दरअसल, मुख्य आरोपी बनारसी लाल को दिल्ली पुलिस कार्रवाई के दौरान ही पहले से गिरफ्तार कर चुकी थी, इसके साथ आरोपी को उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई थी. लेकिन इस वारदात में आरोपी का साथ देने वाला मुख्य आरोपी आशिक अली हत्याकांड के बाद से फरार हो गया था. लेकिन साल 2011 में पुलिस ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था. तब से लेकर साल 2025 तक वह लगातार अपना रूप बदलकर देश के कई शहरों में छिपकर रहने लगा था.

क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए थी. पुलिस की सख्त निगरानी, पुराने संपर्क और फील्ड इनपुट के आधार पर आशिक को गुजरात के सूरत में ट्रेस किया गया. जहां वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नया नाम रखकर शांति से अपनी जिंदगी जी रहा था. तभी पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली लेकर आ गई. 

पूछताछ में आरोपी ने अपराध किया कबूल

जब पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. इस दौरान आरोपी ने पूछताछ में बताया कि पैसों को लेकर हमारी बहस इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि यह पूरा मामला हत्या तक अपने आप ही पहुंच गया था. इसके अलावा आरोपी ने यह भी स्वीकार किया वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान छिपाकर अलग-अलग शहरों में भागता रहता था.  फिलहाल, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जल्द ही उसे कोर्ट के सामने भी पेश किया जा सकता है. 

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