Operation Sindoor Latest News : भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पहले पाकिस्तान में मौजूद 21 आतंकी ठिकानों की पहचान की थी। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि टेक्नोलॉजी और खुफिया जानकारी के आधार पर डेटा इकट्ठा किया गया था, जिसमें 21 आतंकी ठिकानों को लेकर जानकारी मिली थी, लेकिन आखिरी वक्त में फैसला किया गया कि नौ ठिकानों पर ही कार्रवाई की जाएगी।
लेफ्टिनेंट जनरल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर क्या कहा?
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने FICCI के कार्यक्रम ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज ऑर्गनाइज्ड’ में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रच रहे संगठनों के कैंपों पर सटीक हमला करके उन्हें नष्ट कर दिया गया।
ये कैंप लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के थे, जहां ट्रेनिंग दी जाती थी, भर्ती की जाती थी, आतंकी समूहों के मुख्यालय बनाए जाते थे और जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जाता था। 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर इन ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
21 आतंकी ठिकानों की गई थी पहचान – सेना
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने आगे कहा कि, असल में 21 आतंकी ठिकानों की पहचान की गई थी, लेकिन हमने सोचा कि सिर्फ नौ ठिकानों पर ही कार्रवाई की जाए। आखिरी दिन या आखिरी घंटों में यह तय किया गया कि इन नौ ठिकानों पर ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह तय किया गया कि सही संदेश देने के लिए तीनों सेनाओं का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा क्योंकि असल में हम एक एकीकृत बल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि युद्ध शुरू करना आसान है लेकिन इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है, इसलिए संघर्ष को रोकने के लिए सही समय पर यह सही फैसला था। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर से कुछ सबक मिले हैं। नेतृत्व द्वारा दिया गया रणनीतिक संदेश स्पष्ट था… अधिक दर्द सहने की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि हम पिछले कुछ वर्षों से पीड़ित हैं।
भारत के एक्शन से घूटने पर आया PAK
PAK आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन हमलों के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा गया कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे। लेकिन इसके बाद बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने 7 मई को भारत के कई शहरों में सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की। 3-4 दिनों तक चले इस सैन्य संघर्ष के बाद भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध पर संघर्ष विराम के लिए हामी भरी और 10 मई को संघर्ष विराम हुआ।