Facts About Giraffes: जिराफ हमेशा से ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. इसकी लंबी गर्दन, ऊंचा कद और मजबूत टांगें वैज्ञानिकों और आम लोगों दोनों को हैरान कर देती हैं. कई वैज्ञानिकों ने जिराफ के बड़े शरीर और लंबी गर्दन के पीछे के रहस्य पर रिसर्च किया है. इससे पहले लोग जिराफ को पौराणिक प्राणी या यूनिकॉर्न जैसा मानते थे. धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई और खासियत ने इसे जीव जगत में अलग पहचान दिलाई.
18वीं सदी में जिराफ को ‘कैमलोपार्ड’ कहा जाता था, क्योंकि इसका शरीर ऊंट जैसा और रंग तेंदुए जैसा था. फ्रांसीसी प्राणी विज्ञानी माथुरिन जैक्स ब्रिसन ने उस समय जिराफ पर रिसर्च किया और क्लोन बनाने की भी कोशिश की. तब भी ये समझ नहीं पाया गया था कि जिराफ की गर्दन इतनी लंबी क्यों होती है.
लंबी गर्दन का रहस्य
इंग्लिश नेचुरलिस्ट सर चार्ल्स डार्विन ने इस रहस्य को समझने की कोशिश की. उनका मानना था कि मादा जिराफों की गर्दन में विशेष वृद्धि होती है, क्योंकि लंबी गर्दन उन्हें ऊंचे पेड़ों की पत्तियां खाने में मदद करती है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी पाया कि मादा जिराफ की गर्दन नर की तुलना में लंबी होती है. इसका कारण मादा जिराफ की गर्भावस्था और स्तनपान की बढ़ती पोषण संबंधी मांगें बताई गई हैं.
जिराफ का भोजन और विकास
डगलस कैवेनर, जो पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के प्रोफेसर हैं, बताते हैं कि जिराफ सबसे चयनात्मक जीव है. वो केवल चुने हुए पेड़ों की पत्तियां ही खाता है. लंबी गर्दन की वजह से ये ऊंचे पेड़ों तक पहुंच सकता है, जहां कोई अन्य जानवर नहीं पहुंच पाता. जिराफ का विकास भी मादा जिराफों के गर्भधारण और पोषण संबंधी जरूरतों से प्रभावित होता है.
नर और मादा जिराफ में अंतर
नर और मादा जिराफ के खड़े होने के तरीके अलग होते हैं. जन्म के समय आकार समान होने के बावजूद नर जिराफ सीधे खड़ा हो सकता है, जबकि मादा को थोड़ा समय लगता है. मादा की पीठ ढलानदार होती है, जो नर को आकर्षित करने या जीवनसाथी चुनने में मदद करती है. लगातार गर्भधारण की क्षमता के कारण मादा जिराफ ताउम्र स्तनपान कर सकती है और इससे उसकी गर्दन लंबी होने में भी योगदान मिलता है.
जिराफ केवल लंबी गर्दन वाला जानवर नहीं है, बल्कि ये पोषण की जरूरतों का परिणाम भी है. मादा और नर जिराफ की शारीरिक संरचना और व्यवहार उनके जीवन और प्रजनन को सरल बनाने के लिए विकसित हुए हैं. इसकी अनोखी बनावट और लंबी गर्दन ही इसे अन्य जानवरों से अलग बनाती है.