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रविवार के दिन क्यों देना चाहिए सूर्य देव को जल, जानें सही नियम और पूजा विधि

Surya Dev Sunday Puja Niyam: क्या आपने कभी सोचा है कि रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना क्यों ज्यादा शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है. इस तरह रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. सूर्य देव को ईश्वर के नेत्र और ग्रहों के राजा के तौर पर पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि अगर आप रोज सूर्यदेव को जल नहीं अर्पित कर पाते हैं तो आप ऐसा रविवार के दिन कर सकते हैं.

By: Shivi Bajpai | Published: November 9, 2025 6:00:06 AM IST



Surya Dev Puja: हिंदू धर्म में सूर्य देव का बहुत महत्व है.  ईश्वर के नेत्र और ग्रहों के राजा के तौर माने जाने वाले सूर्यदेव के लिए रविवार के दिन की गई पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है. धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करता है उसे करियर में काफी शुभ अवसर प्राप्त होते हैं. रविवार के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का भी महतव है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति रविवार को सूर्यदेव को अर्घ्य देता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. सूर्य देव की पूजा करने से नई ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. सूर्य देव की कृपा पाने के लिए आप उन्हें चाहें तो हर दिन अर्घ्य दे सकते हैं पर अगर किसी कारणवश आपके लिए ऐसा करना संभव नहीं है तो रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य जरूर देना चाहिए.

सूर्य देव को अर्घ्य देने के क्या हैं नियम 

  • सबसे पहले रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें और सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें.
  • इसके लिए आप तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें और उस जल में रोली और अक्षत जरूर डालें.
  • इस दौरान ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप भी करें.
  • अर्घ्य देते समय नजर जल की धारा की ओर होनी चाहिए और दोनों हाथों को इतना ऊंचा उठाएं कि सूर्य का प्रतिबिंब जल की धारा में दिखाई दे.
  • अर्घ्य देने के बाद सात प्रदक्षिणा भी करें और सूर्य देव की आरती करें.

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रविवार को सूर्य देव के इन मंत्रों का करें जप

अगर आप हर दिन सूर्य देव की पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो केवल रविवार के दिन अर्घ्य देकर नीचें बताए गए 12 मंत्रों का जप करने से ही हर दिन की पूजा जितना फल मिलेगा. ये 12 मंत्र हैं- ॐ सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः, ॐ रवये नमः, ॐ मित्राय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगय नमः, ॐ पुष्णे नमः, ॐ मारिचाये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सावित्रे नमः, ॐ आर्काय नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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