Margashirsha Month 2025: हिंदू धर्म में हर माह का अपना अलग और विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस माह को अगहन भी कहते हैं. मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण का प्रिय माह माना जाता है. इस माह में पूजा-पाठ और जप-तप को बहुत शुभ माना जाता है.
कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष माह आता है. इस माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है. इस माह की पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र (27 नक्षत्रों में से एक) में होता है, इसीलिए इस माह को मार्गशीर्ष माह के नाम से जाना जाता है.
कब से कब तक चलेगा मार्गशीर्ष माह?
साल 2025 में मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 6 नवंबर, गुरुवार के दिन से हो रही है. मार्गशीर्ष माह 4 दिसंबर, गुरुवार के दिन समाप्त होगा. इसके बाद पौष माह की शुरुआत होगी.
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 5 नवंबर, दिन बुधवार, को शाम 06 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि 6 नवंबर, दिन गुरुवार, को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ 6 नवंबर, गुरुवार, से होगा.
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मार्गशीर्ष माह में क्या करें?
- मार्गशीर्ष माह में पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना गया है; ऐसा करने से विशेष फल विशेष फल की प्राप्ति होती है.
- इस महीने में भगवान कृष्ण और देवी लक्ष्मी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है.
यह महीना आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. - इस माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-पाठ और मंत्र जाप करने से सभी मान्यताएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इस माह में गीता का पाठ, जरूरतमंदों को दान और अन्य चीजों का दान बहुत शुभ और फलदायी माना गया है.
मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार
08, नवंबर शनिवार गणाधिप संकष्टी
12, नवंबर बुधवार कालभैरव जयन्ती
15, नवंबर शनिवार उत्पन्ना एकादशी
16, नवंबर रविवार वृश्चिक संक्रान्ति
17, नवंबर सोमवार सोम प्रदोष व्रत
19, नवंबर बुधवार दर्श अमावस्या
20, नवंबर बृहस्पतिवार अन्वाधान, मार्गशीर्ष अमावस्या
21, नवंबर शुक्रवार, इष्टि
22, नवंबर शनिवार, चन्द्र दर्शन
25, नवंबर मंगलवार विवाह पञ्चमी
26, नवंबर बुधवार चम्पा षष्ठी