Thailand:थाईलैंड की निलंबित प्रधानमंत्री शिनावात्रा भले ही पीएम पद से हाथ धो बैठी हों, लेकिन सत्ता के खेल में वह अभी भी शामिल हैं। गुरुवार को उन्होंने नए कैबिनेट मंत्रियों के साथ संस्कृति मंत्री के तौर पर शपथ ली। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब वह कंबोडियाई नेता के साथ विवादित बातचीत को लेकर नैतिकता जांच का सामना कर रही हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, पेटोंगथॉर्न के खिलाफ मामला तब गरमाया, जब मई में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर टकराव हुआ, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई। इसके बाद हुन सेन के साथ उनकी एक लीक फोन कॉल वायरल हुई, जिसमें उन्होंने कंबोडिया के साथ सुलह करने की कोशिश की। लेकिन थाई जनता ने इस कॉल को झुकने के तौर पर देखा। आरोप लगे कि उन्होंने थाईलैंड की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। इसी आधार पर उनके खिलाफ नैतिकता उल्लंघन की याचिका दायर की गई।
प्रधानमंत्री पद से निलंबित
प्रधानमंत्री से संस्कृति मंत्री तक का सफर पेटोंगथॉर्न को मंगलवार को प्रधानमंत्री पद से निलंबित कर दिया गया। लेकिन उसी दिन थाई राजा ने नई कैबिनेट को मंजूरी दे दी, जिसमें उन्हें संस्कृति मंत्री बनाया गया। यानी अब वह सरकार का हिस्सा तो हैं, लेकिन उनके पास पहले जैसी ताकत नहीं है। संस्कृति मंत्री का पद थाईलैंड में सम्मानजनक लेकिन सीमित अधिकार वाला मंत्रालय माना जाता है। यह मंत्रालय कला, विरासत और सांस्कृतिक मामलों को देखता है, लेकिन रक्षा या विदेश नीति जैसी कोई बड़ी भूमिका इसके पास नहीं है।
शपथ ली
पटोंगाट्रान गुरुवार को मुस्कुराते हुए सरकारी भवन पहुंचीं और बाकी मंत्रियों के साथ शपथ ली, लेकिन मीडिया के सवालों से बचती रहीं, इस दौरान कार्यवाहक प्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने राजा महा वजीरालोंगकोर्न से नई कैबिनेट को मंजूरी दिलवाई।
कोर्ट का फैसला अभी लंबित
थाईलैंड की संवैधानिक कोर्ट ने सर्वसम्मति से इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया और उन्हें 7-2 वोटों से तत्काल निलंबित कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 15 दिन में जवाब दाखिल करने का मौका दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कोर्ट क्या फैसला सुनाता है।