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पहलगाम की धरती से नहीं सूखा 26 मासूमों का खून, वहीँ 70 साल की महिला के साथ कश्मीरी युवक ने कर डाली हैवानियत! कोर्ट ने खारिज की जमानत

Pahalgam Rape Case: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की जमीन से 26 मासूमों के खून दाग सूखे भी नहीं थे कि उसी धरती पर एक बार फिर दरिंदगी की घटना सामने आई है। उस बार मामला 70 वर्षीय महिला से बलात्कार का है।

By: Deepak Vikal | Published: July 3, 2025 1:38:41 PM IST



Pahalgam Rape Case: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की जमीन से 26 मासूमों के खून दाग सूखे भी नहीं थे कि उसी धरती पर एक बार फिर दरिंदगी की घटना सामने आई है। उस बार मामला 70 वर्षीय महिला से बलात्कार का है। मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली यह महिला अप्रैल महीने में घूमने के लिए जम्मू-कश्मीर आई थी, तभी यह घटना हुई। 

30 जून को खबर आई कि अनंतनाग के सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस व्यक्ति ने अदालत के सामने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि ‘जमानत नियम है और जेल अपवाद है।’ हालांकि न्यायाधीश ने इस जघन्य अपराध से जुड़े मामले में आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया। पहलगाम में दो महीने पहले ही एक आतंकी घटना के दौरान आतंकियों ने 26 पर्यटकों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी थी।

स्थानीय युवक मुस्लिम युवक का नाम आया सामने

News18 की खबर  के मताबिक मुख्य सत्र न्यायाधीश ताहिर खुर्शीद रैना ने कहा कि यह एक बीमार मानसिकता है जो सामान्य रूप से समाज के नैतिक पतन को दर्शाती है। महिला महाराष्ट्र की एक पर्यटक है जो दर्दनाक यादें लेकर लौटेगी। स्थानीय निवासी जुबैर अहमद ने इस घटना को अंजाम दिया। जज ने कहा कि मुझे अहमद द्वारा दिए गए तर्क इस अदालत की न्यायिक अंतरात्मा को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त नहीं लगते। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के ‘जमानत नियम है, जेल अपवाद है’ के सिद्धांत को खारिज कर दिया, जिसमें तर्क दिया गया था कि इस तरह के भयानक हमले के आरोपी व्यक्ति को रिहा करना एक गलत मिसाल कायम करेगा।

इस घटना को एक अलग घटना के रूप में नहीं देखा जा सकता

अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि प्रारंभिक चिकित्सा और फोरेंसिक रिपोर्ट महिला के बयान का समर्थन करती है। जज ने माना कि वह आरोपी अहमद के भागने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का जोखिम नहीं उठा सकते। जज रैना ने कहा कि इस घटना को एक अलग घटना के रूप में नहीं देखा जा सकता। अदालत ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि एक सम्मानित अतिथि, एक वरिष्ठ महिला जो संतों और ऋषियों की इस भूमि पर आई थी। उसके साथ इतना बुरा और चौंकाने वाला व्यवहार किया गया कि भविष्य में उसे अपने बच्चों के साथ बुढ़ापे बिताने के लिए जगह चुनने पर पछतावा होगा।

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पुलिस ने झूठा फंसाया?

इससे पहले, आरोपी अहमद ने तर्क दिया कि उसे पुलिस ने झूठा फंसाया है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पीड़िता ने उसे आरोपी के रूप में नहीं पहचाना है। उसने पुलिस के साथ सहयोग किया है और आगे भी करता रहेगा। दूसरी ओर, पुलिस ने बताया कि 11 अप्रैल को दुष्कर्म के बाद महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी। अहमद कथित तौर पर उसके होटल के कमरे में घुस गया, उसे कंबल से ढक दिया और भागने से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया।

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