BJP Leader Chain Snatcher: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिले में चेन स्नेचरों (Chain Snatchers) के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाया गया जागरूकता अभियान अब राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है.
दरअसल, पुलिस ने शहरभर में अपराधियों के पोस्टर लगाए, जिनमें सात संदिग्धों की तस्वीरें और नाम शामिल थे, ताकि आम लोग इनसे सतर्क रहें. लेकिन इस सूची में पहले ही नंबर पर जिस व्यक्ति की तस्वीर थी, वह और कोई नहीं बल्कि भाजपा नेता (भोनू) निकला , जो मझवां मंडल का उपाध्यक्ष रह चुका है.
पोस्टर हुआ वायरल, बीजेपी में मचा हड़कंप
जैसे ही यह पोस्टर सामने आया, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और भाजपा के स्थानीय संगठन में हड़कंप मच गया. लोग सवाल उठाने लगे कि पुलिस ने बिना जांच के किसी राजनीतिक कार्यकर्ता की तस्वीर अपराधियों की सूची में कैसे लगा दी. इस घटना से जिले की राजनीति गरमा गई और भाजपा नेताओं को स्पष्टीकरण देना पड़ा.
पोस्टर को लेकर बीजेपी ने दी सफाई
भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश दुबे ने सफाई देते हुए कहा कि भोनू अब पार्टी के किसी पद पर नहीं हैं. उन्होंने बताया कि मंडल अध्यक्ष आकाश सिंह ने उन्हें तीन महीने पहले ही मझवां मंडल उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. हालांकि, दुबे यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि भोनू पार्टी के प्राथमिक सदस्य अभी भी हैं या नहीं, और उनकी जगह नए उपाध्यक्ष के रूप में किसे नियुक्त किया गया है.
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पोस्टर विवाद पर पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस की ओर से कहा गया कि यह पोस्टर सिर्फ एक सार्वजनिक जागरूकता अभियान का हिस्सा था, ताकि नागरिक अपराधियों की पहचान कर सकें और सावधानी बरतें. ऐसे पोस्टर समय-समय पर लगाए जाते हैं. लेकिन भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी की तस्वीर शामिल होने से यह मामला कानून व्यवस्था और राजनीतिक जवाबदेही का प्रतीक बन गया है.
बहरहाल इस घटना ने मिर्जापुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा छेड़ दी है, अब देखना ये होगा कि बीजेपी इस पोस्टर विवाद से कैसे निकलती है.
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