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पटेल, नेहरू और RSS… कर्नाटक से फिर क्यों भड़की सदियों पुरानी सियासी आग?

कर्नाटक में कांग्रेस और आरएसएस के बीच विवाद तेज़ हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग दोहराई, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू की कश्मीर नीति पर सवाल उठाए. खड़गे ने सरदार पटेल द्वारा आरएसएस की आलोचना का भी हवाला दिया. यहां जानिए पूरा विवाद.

By: Shivani Singh | Published: October 31, 2025 4:58:36 PM IST



कर्नाटक की राजनीति इन दिनों मानो उबलते पानी की तरह गरमा गई है. एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जो खुलकर कह रहे हैं कि “आरएसएस पर बैन लगना चाहिए”, और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कश्मीर और सरदार पटेल के नाम पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. इतिहास, विचारधारा और भावनाओं के इस ज्वालामुखी में अब दो सबसे बड़े नामों सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू को भी खींच लिया गया है. गांधी की हत्या से लेकर कश्मीर के विलय तक, दशकों पुराने पन्नों को फिर से पलटा जा रहा है.

बेटे प्रियांक खड़गे के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अब राज्य सरकार के आरएसएस के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन किया है. खड़गे ने कहा, “मेरी निजी राय है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए क्योंकि देश में कानून-व्यवस्था की ज़्यादातर समस्याएँ आरएसएस-भाजपा के कारण हैं.” उन्होंने आगे कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस की आलोचना की थी.

झूठ को सच बनाने में माहिर हैं प्रधानमंत्री

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं. उन्होंने कहा कि पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र की रक्षा के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था. खड़गे ने कहा, “अगर आप (भाजपा) हर चीज़ के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराते हैं, तो अपने कर्मों पर गौर करें। आप सच्चाई को मिटाने की कितनी भी कोशिश कर लें, वह मिटेगी नहीं.”

उन्होंने कहा, “आज सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है.” सरदार पटेल लौह पुरुष थे, जबकि इंदिरा गांधी लौह महिला थीं. दोनों ने देश को एकजुट करने का काम किया. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस पार्टी ने देश के लिए क्या किया है.उन्होंने आरएसएस संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे सरदार पटेल के पत्र का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि आरएसएस ने ऐसा माहौल बनाया कि महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई.

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नेहरू-पटेल संबंधों पर खड़गे की सफाई

खड़गे ने कहा कि आरएसएस के सदस्य हमेशा पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के बीच मतभेद की बात करते हैं, जबकि दोनों के बीच बहुत अच्छे संबंध थे और वे अक्सर एक-दूसरे की प्रशंसा करते देखे जाते थे. नेहरू हमेशा देश को एकजुट करने के लिए पटेल की प्रशंसा करते थे. उन्होंने कहा, “मैं भाजपा से कहना चाहता हूँ कि दही में कंकड़ मत ढूँढो. तुम्हारा इतिहास सबको पता है. नेहरू ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण और सरदार सरोवर बाँध की आधारशिला सबसे पहले रखी थी.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया. सरदार पटेल का मानना ​​था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि इतिहास रचने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.”

मोदी ने कहा, “सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे, जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था. लेकिन नेहरू जी ने उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होने दी. कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और देश को कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा दशकों तक भुगतना पड़ा”

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