Pakistan Afghanistan Ceasefire: पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बना हुआ है. तुर्की में हाल ही में हुई शांति वार्ता के बाद, यह सामने आया है कि दोनों देश आखिरकार युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं. तुर्की के अनुसार, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ने गुरुवार को इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता के दौरान युद्धविराम पर सहमति जताई. दोनों देशों के बीच पिछली वार्ता विफल रही थी.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद से ये झड़पें सबसे गंभीर थीं. दोनों देशों के बीच गोलीबारी हुई. इस महीने हुई घातक झड़पों के बाद पाकिस्तान ने हवाई हमले किए और अफ़ग़ानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की. तनाव इतना बढ़ गया कि व्यापार और आवागमन के लिए इस्तेमाल होने वाली प्रमुख सीमा पारियां बंद कर दी गईं.
दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने युद्धविराम की घोषणा करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की और क़तर ने 25 से 30 अक्टूबर, 2025 तक इस्तांबुल में बैठकें कीं ताकि 18-19 अक्टूबर, 2025 को दोहा में अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की और क़तर की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम समझौते को मज़बूत किया जा सके. सभी पक्ष युद्धविराम को बनाए रखने पर सहमत हुए.
मंत्रालय ने आगे कहा कि युद्धविराम को लागू करने की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए 6 नवंबर को इस्तांबुल में एक अनुवर्ती बैठक होगी. तुर्की और क़तर ने कहा कि वे “स्थायी शांति और स्थिरता के लिए दोनों पक्षों के साथ सहयोग जारी रखने के लिए तैयार हैं.”
अपने बयान में, क़तर ने कहा कि सभी पक्ष शांति बनाए रखने और उल्लंघन करने वाले किसी भी पक्ष के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए एक निगरानी और सत्यापन तंत्र स्थापित करने पर भी सहमत हुए.
तालिबान ने क्या कहा?
तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इस्तांबुल में आधी रात से ठीक पहले जारी एक अलग बयान में वार्ता के समापन की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष भविष्य की बैठकों में चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए.
उन्होंने आगे कहा कि अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान के साथ आपसी सम्मान और गैर-हस्तक्षेप पर आधारित अच्छे संबंध चाहता है.
दोनों देशों के बीच भीषण झड़पें
इस महीने की शुरुआत में काबुल में हुए बम विस्फोटों के बाद पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. तालिबान सरकार ने इन विस्फोटों के लिए पाकिस्तानी हवाई हमलों को ज़िम्मेदार ठहराया. अफ़ग़ान अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उसके 23 सैनिक मारे गए.
इन झड़पों के बाद, कतर ने वार्ता की मेजबानी की, जिसके परिणामस्वरूप 19 अक्टूबर को अस्थायी युद्धविराम हुआ. इस्तांबुल में चार दिनों तक चली वार्ता मंगलवार को बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई, लेकिन तुर्की और कतर के हस्तक्षेप से दोनों पक्ष फिर से बातचीत की मेज पर आ गए.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने गुरुवार को पेशावर में कहा कि पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि वह अफ़ग़ानिस्तान की धरती से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.