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Seat Samikaran:कांग्रेस से CPI(ML) तक! पालीगंज की सीट क्यों बन गई ‘सत्ता का झूला’?

पालीगंज विधानसभा सीट बिहार की राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र रही है. जानें 1952 से अब तक किसने-कब जीता और कैसे बदलते रहे राजनीतिक समीकरण.

By: Shivani Singh | Published: October 30, 2025 1:29:34 AM IST



बिहार की राजनीति में पालीगंज एक ऐसा नाम है, जो सिर्फ़ एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि दशकों से बदलते राजनीतिक समीकरणों का आईना रहा है.
कभी कांग्रेस का गढ़, कभी समाजवादी लहर, तो कभी वाम मोर्चे की सशक्त मौजूदगी पालीगंज ने हर दौर में नेताओं और पार्टियों की पकड़ को परखा है.

यहाँ चुनाव सिर्फ़ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला नहीं होता बल्कि जातीय संतुलन, पुराने समर्थक वर्ग और स्थानीय जनाधार मिलकर नतीजों की दिशा तय करते हैं। पालीगंज की यात्रा 1952 से शुरू होती है और उसके बाद की तस्वीरें राजनीतिक उठापटक, नेतृत्व परिवर्तन और सत्ता समीकरणों के दिलचस्प अध्यायों से भरी हैं. अब ज़रा जान लेते हैं, कौन-कौन इस सीट पर कब-कब क़ाबिज़ हुआ, और कैसे बदलती रहीं पालीगंज की राजनीतिक धड़कनें…

अब पालीगंज सीट के बारे में जानें

पटना बिहार के 38 जिलों में से एक है. पटना जिला छह अनुमंडलों और 23 प्रखंडों में विभाजित है. जिले में 14 विधानसभा सीटें हैं. इनमें मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी (एससी), मसौढ़ी (एससी), पालीगंज और बिक्रम शामिल हैं. हमारी “सीट समीकरण” श्रृंखला में, हम पालीगंज विधानसभा सीट पर चर्चा करेंगे। पालीगंज सीट के लिए पहला चुनाव 1952 में हुआ था.

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कौन कब जीता?

1952 – कांग्रेस के राम लखन सिंह यादव जीते

1957 – प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते

1962 – कांग्रेस के राम लखन सिंह यादव जीते

1967 – समाजवादी पार्टी के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते

1969 – संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते

1972 – कांग्रेस (ओ) के कन्हाई सिंह जीते

1977 – निर्दलीय उम्मीदवार कन्हाई सिंह जीते

1980 – कांग्रेस (यू) के राम लखन सिंह यादव जीते

1985 – कांग्रेस के राम लखन सिंह यादव जीते

1990 – कांग्रेस के राम लखन सिंह यादव ने पालीगंज सीट लगातार तीसरी बार और कुल मिलाकर पाँचवीं बार जीती

1991 – राम लखन सिंह के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में जनता दल के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते

1995 – जनता दल के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते। वर्मा की यह कुल मिलाकर पाँचवीं जीत थी

1996 – भाजपा के जर्नादन शर्मा ने यह उपचुनाव जीता

2000 – राजद के दीनानाथ सिंह जीते

फरवरी 2005 – भाकपा (माले) के नंद कुमार नंदा जीते

अक्टूबर 2005 – भाकपा (माले) के नंद कुमार नंदा फिर से जीते

2010 – भाजपा की उषा विद्यार्थी जीतीं

2015 – राजद के जयवर्धन यादव जीते

2020 – भाकपा (माले) के संदीप सौरभ जीते

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