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इकलौते गांव की अनोखी परंपरा, जहां पहली बार पीरियड आने पर लड़की के साथ करते हैं ऐसा व्यवहार

Assam unique tradition: असम के एक ऐसा गांव है जहां की अनोखी परंपरा आपको हैरान कर देगी. जी हां, यहां जब पहली बार लड़की को पीरियड आते हैं तो गजब का रिवाज फॉलो किया जाता है.

By: Shraddha Pandey | Last Updated: September 28, 2025 10:59:20 PM IST



Banana Tree Marriage: भारत परंपराओं का देश है, यहां हर राज्य और गांव की अपनी अलग-अलग रीति-रिवाज हैं. कुछ तो इतने पुराने हैं कि आज भी वैसे ही निभाए जाते हैं. ऐसे ही एक अनोखी परंपरा असम के बोगांइगांव जिले के सोलमारी गांव में देखी जाती है, जिसे लोग ‘तोलिनी ब्याह’ कहते हैं.

इस गांव में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड आते हैं, तो उस मौके को बड़े खास तरीके से मनाया जाता है. लड़की को कुछ दिन के लिए घर के बाकी लोगों से अलग रखा जाता है और खास नियमों का पालन कराया जाता है. इसे लड़की के जीवन की नई शुरुआत माना जाता है. इसके बाद होता है सबसे हैरान करने वाला रिवाज, लड़की की शादी केले के पेड़ से कराई जाती है!

केले के पेड़ को बनाते हैं दूल्हा

शादी भी बिल्कुल रियल वेडिंग की तरह होती है. घर सजता है, रिश्तेदार और गांव वाले जमा होते हैं, गाना-बजाना और रस्में होती हैं. लड़की को दुल्हन की तरह तैयार किया जाता है और केले के पेड़ को दूल्हे की तरह सजाया जाता है. हालांकि, ये असली शादी नहीं होती, बल्कि एक सांकेतिक रस्म है.

बुरी नजर से बचाने की परंपरा

इस रिवाज के पीछे मान्यता है कि इससे लड़की को बुरी नजर से बचाया जाता है और उसके असली पति की आगे चलकर लंबी उम्र हो. इसे नारी शरीर में आए बदलाव को सम्मान देने का तरीका भी माना जाता है. गांव वाले इसे अपनी पहचान और संस्कृति से जोड़कर बड़े गर्व के साथ निभाते हैं.

परंपरा पर उठते हैं करोड़ों सवाल

हालांकि, आज के समय में कई लोग इस परंपरा पर सवाल भी उठाते हैं और इसे पुरानी सोच का हिस्सा मानते हैं. लेकिन, गांव के लोग इसे परिवार और समाज के बीच रिश्ते मजबूत करने का जरिया बताते हैं. सोशल मीडिया और मीडिया कवरेज की वजह से ये रिवाज अब सिर्फ असम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर भी चर्चा का टॉपिक बन चुका है.

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